नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण के मतदान से पहले कन्याकुमारी में विवेकानंद रॉक मेमोरियल पर ध्यान करेंगे। अब पीएम के इस ध्यान कार्यक्रम को लेकर भी कांग्रेस और विपक्ष को आपत्ति शुरू हो गई है। इस संबंध में कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से मुलाकात कर दखल देने की मांग की है। इससे पहले बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि अगर नरेंद्र मोदी के इस ध्यान को टीवी पर दिखाया गया तो उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) चुनाव आयोग के समक्ष शिकायत दर्ज कराएगी। उधर, बीजेपी ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस के नेता नहीं जानते कि आध्यात्म क्या होता है।
#WATCH | Delhi: On Congress delegation meeting the ECI, Senior advocate Abhishek Manu Singhvi says, "We told the Election Commission, that during the silence period of 48 hours, no one should be allowed to campaign, directly or indirectly. We have no objection to whatever any… pic.twitter.com/yzLsr7av89
— ANI (@ANI) May 29, 2024
कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल में शामिल अभिषेक मनु सिंघवी ने बताया कि हमने चुनाव आयोग से कहा, चुनाव के 48 घंटे की अवधि के दौरान किसी को भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रचार करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। हमें किसी भी नेता पर कोई आपत्ति नहीं है, चाहे वे ‘मौन व्रत’ रखें या कुछ भी करें लेकिन साइलेंस पीरिएड में अप्रत्यक्ष रूप से प्रचार नहीं होना चाहिए। सिंघवी बोले, हमने शिकायत की है कि पीएम मोदी ने घोषणा की है कि वह 30 मई की शाम से ‘मौन व्रत’ पर बैठेंगे। मौन अवधि 30 मई को शाम 7 बजे से 1 जून तक रहेगी। यह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है। ये या तो प्रचार करते रहने या खुद को सुर्खियों में बनाए रखने की रणनीति है। हमने चुनाव आयोग से कहा कि या तो प्रधानमंत्री 24-48 घंटे के बाद मौन व्रत शुरू करें। अगर वह इसे कल से ही शुरू करते हैं तो इसे प्रिंट या ऑडियो-विजुअल मीडिया पर प्रसारित करने पर रोक लगाई जाए।
दिल्ली: भाजपा नेता शाजिया इल्मी ने कहा "कांग्रेस के नेता शायद यह नहीं समझते कि अध्यात्म क्या होता है। प्रधानमंत्री एक आध्यात्मिक व्यक्ति हैं और ध्यान के लिए जा रहे हैं। जिसका चुनाव प्रचार से कोई लेना-देना नहीं है। हमें लगता है कि कांग्रेस नेताओं में गंभीरता की कमी है, इसलिए वे इस… pic.twitter.com/AMbLdmuRsg
— IANS Hindi (@IANSKhabar) May 29, 2024
दूसरी तरफ, बीजेपी नेत्री शाजिया इल्मी ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस के नेता शायद यह नहीं समझते कि अध्यात्म क्या होता है? प्रधानमंत्री एक आध्यात्मिक व्यक्ति हैं और ध्यान के लिए जा रहे हैं। जिसका चुनाव प्रचार से कोई लेना-देना नहीं है। हमें लगता है कि कांग्रेस नेताओं में गंभीरता की कमी है, इसलिए वे इस तरह के बयान दे रहे हैं।