नई दिल्ली। आमिर खान(#Aamirkhan) की फिल्म अभी कुछ दिन पहले ही फ्लॉप(#LaalSinghChaddha) होकर गई है और अब उनका नाता एक और कॉन्ट्रोवर्सी से जुड़ने वाला है। आमिर खान सिनेमा जगत का वो बड़ा चेहरा हैं जिनके द्वारा किया गया एक्शन और कही गई बात का सभी पर बहुत बड़ा और गहरा असर पड़ता है। अभी कुछ ही दिन पहले उनके किए गए एक्शन और उनके द्वारा कही गई बात के कारण ही लोगों ने उनकी फिल्म को बहिष्कार कर दिया था। फिल्म का इस कदर बहिष्कार हुआ कि फिल्म फ्लॉप ही नहीं बल्कि सुपर फ्लॉप साबित हुई। उनके द्वारा की गई फिल्म जहां वो हिन्दू धर्म के रीति रिवाजों और देवी देवताओं का अपमान करते हैं वो तो उनके पुराने खातों में शामिल ही है वहीं एक बार फिर उन्होंने हिन्दू रीति रिवाजों के साथ छेड़छाड़ कर दी है। उनके द्वारा हिन्दू रीति रिवाजों पर की गई ये छेड़छाड़ एक बड़े विवाद का हिस्सा बन सकती है। आखिर आमिर ने ऐसा क्या किया है जो नए विवाद को जन्म देने वाला है यहां इसी बारे में हम विस्तार से बात करने वाले हैं।
असल में आमिर खान ने एक प्राइवेट बैंक के लिए विज्ञापन किया है। इस विज्ञापन में हिन्दू मान्यताओं और प्रथाओं में बदलाव लाने की बात आमिर खान कह रहे हैं। विज्ञापन में आमिर खान और कियारा आडवाणी एक साथ शादी के लिबास में खड़े हुए हैं और एक नए घर में प्रवेश कर रहे हैं। जैसा कि हम सब जानते हैं कि हिन्दू मान्यता के अनुसार घर में जो महिला होती हैं वो ही सबसे पहले घर में प्रवेश करती हैं। लेकिन इन आमिर खान इस विज्ञापन के माध्यम से हिन्दू मान्यताओं परम्पराओं को तोड़कर खुद घर में सबसे पहले प्रवेश करते हैं।
इस तरह के विज्ञापन को देख लोगों का गुस्सा भड़क गया है और उनका कहना है कि आखिर जिन हिन्दू धर्म में या भारतीय संस्कृति में स्त्रियों को सबसे पहले स्थान दिया गया है। इसके अलावा भारत ही नहीं विदेश में भी लेडीज फर्स्ट की बात सामने आती है ऐसे में आमिर खान कैसे उन सारे रीति रिवाजों और परम्पराओं की बदलाव करने की बात कर सकते हैं। हिन्दू धर्म में घर की लक्ष्मी मानकर स्त्रियों का घर में पहले प्रवेश किया जाता है ऐसे में आमिर खान इसे भी पुरानी परम्परा करार दे रहे हैं। वो आमिर खान जो वीमेन एम्पावरमेंट की बात करते हैं वो भी इसप्रकार का विज्ञापन करते हुए दिख रहे हैं। ऐसे में लोग उनके इस विज्ञापन का और उस बैंक का भी विरोध करने लगे हैं।
जहां लोग आमिर खान को बुरा भला कह रहे हैं वहीं बैंक को भी बॉयकॉट करने की बात कर रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि अगर बदलाव ही लाना था बुरका जैसी प्रथा पर बात करनी चाहिए थी और सवाल कर रहे हैं कि क्यों अक्सर हिन्दू धर्म की प्रथाओं का ही इस्तेमाल इस तरह के विज्ञापन में किया जाता है।