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मेरठ में साधु की हत्या पर अभिनेत्री कंगना रनौत का फूटा गुस्सा, ट्वीट कर कही ये बात

नई दिल्ली। बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत ने उत्तर प्रदेश के मेरठ में हुई साधु की हत्या को लेकर अपना गुस्सा जाहिर किया है। बता दें कि अक्सर देश से जुड़े विषयों पर अपनी राय खुलकर रखती हैं। इससे पहले भी कंगना रनौत ने पालघर में हुए साधुओं की हत्या पर अपनी राय रखी थी और बॉलीवुड में चुप्पी साध कर बैठे कलाकारों को भी जमकर फटकार लगाई थी।

एक्ट्रेस कंगना रनौत ने ट्वीट कर  कहा, ‘एक और साधु को भगवा रंग पहनने के लिए मार दिया गया, इन संन्यासियों का शाप एक शांतिपूर्ण देश की हर छोटी उम्मीद को नष्ट कर देगी। अगर हम निर्दोष आध्यात्मिक साधकों का आशीर्वाद नहीं लेते हैं, तो हमें भुगतना पड़ेगा।’


दरअसल, मेरठ के थाना भावनपुर क्षेत्र में एक मंदिर के सेवादार को अशोभनीय टिप्पणी के विरोध की कीमत जान देकर चुकानी पड़ी। एक विशेष समुदाय के युवक ने मंदिर के सेवादार कांति प्रसाद पर धर्म को लेकर टिप्पणी की। सेवादार ने जब इसका विरोध किया तो आरोपी ने बुजुर्ग सेवादार की पिटाई कर दी।पिटाई के बाद बुजुर्ग खुद तहरीर लेकर थाने पहुंचा। पीड़ित का मेडिकल भी कराया गया। इसके बाद अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।सेवादार की मौत के बाद पुलिस-प्रशासन में हड़कंप मच गया।आनन-फानन में आरोपी की गिरफ्तारी कर ली गई।आरोपी युवक पर पहले मारपीट और फिर हत्या का मुकदमा दर्ज कर दिया गया है।

कश्मीर में सरपंच की हत्या पर जमकर बरसी कंगना रनौत

जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में एक सरपंच की आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। अजय पंडिता के रूप में पहचाने जाने वाले लोकबोचन लारकीपोरा के सरपंच को आतंकवादियों ने गोलियों से भून दिया था, जिन्होंने बाद में एक अस्पताल में दम तोड़ दिया। इसके बाद से ही उन सारे बुद्धिजीवियों की जुबान बंद है जो हर बात पर प्लेकार्ड लेकर, मोमबत्ती लेकर सरकार से हर मामले में इंसाफ की मांग करने लगते हैं।

अब मुखर होकर अपनी आवाज रखनेवाली बॉलीवुड की क्वीन कंगना रनौत ने भी फिल्म इंडस्ट्री और अन्य संस्थाओं से जुड़े बुद्धिजीवियों को वीडियो संदेश के माध्यम से इस मामले पर चुप्पी साधे रखने के लिए जमकर लताड़ा। अपनी वीडियो संदेश के शुरुआत में ही कंगना रनौत एक प्लेकार्ड दिखाकर कहती हैं कि इस तरह के प्लेकार्ड, मोमबत्ती सहित सड़क पर प्रदर्शन, पत्थरबाजी, गोला फेंकना, आग लगाना ये सब विरोध के नाम पर करनेवाले आज चुप हैं क्योंकि इनको कश्मीरी पंडित के मारे जाने का दुःख नहीं। कंगना आगे कहती है कि सेक्यूलर होने की परिभाषा इनकी यहीं तक है।

कंगना ऐसे लोगों पर बरसते हुए कहती हैं कि उनकी मानवता तभी फूट पड़ती है जब इसके पीछे कोई जिहादी एजेंडा हो। लेकिन किसी और को इंसाफ दिलाना हो तो इनके मुंह से चू तक नहीं निकलती। आगे बोलते हुए कंगना कहती हैं कि जिस तरह से भेड़िया भेड़ की खाल में छुपा होता है उसी तरह से जिहादी एजेंडा वाले लोग सेक्यूलरिज्म की खाल में छुपे होते हैं। ये लोग उल्टा हिंदुओं को सेक्यूलरिज्म सिखाते हैं जिस धर्म में जीव निर्जीव सबके साथ प्रेम करना सिखाया गया है। जो ग्रह, ब्रह्मांड, पृथ्वी, वायु, पर्यावरण, पेड़, पौधे, नदी, जानवर सबकी पूजा करते हैं। उनके लिए ये इस तरह का पाठ पढ़ाते हैं।

आगे कंगना कहती हैं कश्मीर में जो अजय पंडित जी के साथ हुआ उसपर ये चुप्पी साधे रहते हैं। उसके बाद कंगना अपने बयान में बताती हैं कि कश्मीर में आखिर इस्लाम आया कैसे। कंगना कहती है कि 500-600 सालों में जिस तरह से कश्मीर में हिंदुओं का नरसंहार हो रहा है वह किसी से छुपा नहीं है। ऐसे में इतिहास इस बात का गवाह है कि जहां हिंदू नहीं है वहां सेक्यूलरिज्म भी नहीं है। इसके बाद कंगना प्रधानमंत्री मोदी से अपील करती हैं कि पंडितों को कश्मीर वापस भेजा जाया वहां उन्हें फिर से बसाया जाए। वहां फिर से हिंदू धर्म की स्थापना की जाए।

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