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Rajinikanth: जेलर की सफलता के बाद रजनीकांत ने पुराने दिनों को किया याद, पहुंचे बस डिपो जहां एक जमाने में थे कंडक्टर

नई दिल्ली। साउथ इंडस्ट्री के सुपरस्टार कहे जाने वाले थलाइवा रजनीकांत मंगलवार 29 अगस्त को अपनी जिंदगी के उन पुराने दिनों में चले गए जब वो बेंगलुरु में एक बस कंडक्टर के तौर पर काम किया करते थे और एक्टर ने बंगलुरु मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (बीएमटीसी) का अचानक दौरा किया। बता दें कि, यही वो जगह है जहां सुपरस्टार कभी कंडक्टर के रूप में काम किया करते थे। फिल्म जेलर की अपार सफलता के बाद रजनीकांत मंगलवार को अचानक बीएमटीसी पहुंचे। जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।

72 वर्षीय शीर्ष अभिनेता ने सभी को आश्चर्यचकित कर दिया और जयनगर के बस स्टैंड पर बीएमटीसी ड्राइवरों, कंडक्टरों और अन्य कर्मचारियों के साथ कुछ वक्त बिताए रजनीकांत से मिलकर सभी बेहद खुश नजर आएं।

महान दिवंगत तमिल निर्देशक K Balachander की रजनीकांत पर नजर पड़ने से पहले शिवाजी राव गायकवाड़ उर्फ़ रजनीकांत एक समय में इस शहर में बस कंडक्टर के रूप में काम करते थे। बाद में निर्देशक ने शिवाजी का नाम बदलकर रजनीकांत रख दिया और अभिनेता को 1975 में हिट फिल्म ‘अबूरवा रागंगल’ में पहला ब्रेक दिया। इस फिल्म में कमल हासन सहित अन्य कलाकार भी थे। अपनी कर्मभूमि पर वापस जाकर रजनीकांत पुराने दिनों में खो गए बीएमटीसी के ट्रैफिक ट्रांजिट मैनेजमेंट सेंटर (टीटीएमसी) के कर्मचारियों ने रजनीकांत का स्वागत किया।

उन्होंने रजनीकांत के साथ कुछ देर बातचीत की और सेल्फी भी खिंचवाई। अभिनेता ने यहां राघवेंद्र स्वामी मठ का भी दौरा किया। रजनीकांत ने फिल्म ‘श्री राघवेंद्रर’ में मुख्य भूमिका निभाई थी, जो द्वैत वेदांत दर्शन के माधव संप्रदाय के 16वीं-17वीं शताब्दी के संत-कवि की जीवनी है। सूत्रों ने कहा कि रजनीकांत ने अपना बचपन बेंगलुरु में बिताया और अपने फिल्मी करियर को आगे बढ़ाने के लिए चेन्नई जाने से पहले 22 साल की उम्र तक शहर में रहे।

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