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Bappi Lahiri Birth Anniversary: बप्पी लहरी की बर्थ एनिवर्सरी आज, जानिए क्यों पहनते थे इतना सोना?

नई दिल्ली। बप्पी लहरी के नाम से मशहूर दिवंगत अलोकेश लहिरी एक मशहूर सिंगर और कंपोजर हैं, जिन्होंने भारतीय सिनेमा को डिस्को से पहचान कराई है। बप्पी लहरी ने भारतीय सिनेमा को एक से एक सदाबहार गाने दिए है। इन्होंने अपने गाने पर कई दिगग्जों को नचाया है। गायक का जन्म 27 नवंबर 1952 को पश्चिम बंगाल के जलपैगुड़ी नामक स्थान पर हुआ था। सिंगर के पिता का नाम अपरेश लाहिड़ी और माता का नाम बन्सारी लहिरी है। मशहूर सिंगर भले ही आज हमारे बीच ना हो लेकिन लोगों के दिल पर आज भी बप्पी लहरी जिंदा है। इनके सदाबहार गाने को आज भी लोग सुनना पसंद करते है। दिवंगत सिंगर बप्पी लहरी ने 16 फरवरी 2022 को अंतिम सांस ली थी। 69 साल की उम्र में इस मशहूर सिंगर कम्पोजर की मुम्बई सिटी केयर हॉस्पिटल में निधन हुआ था। आइए सिंगर के जन्मदिन पर जानते हैं इनसे जुड़ी कुछ खास बातें-

बप्पी लहरी की सिंगिंग की शुरुआत

बप्पी लहरी ने मात्र तीन वर्ष की आयु में ही तबला बजाना शुरू कर दिया था जिसको देखने के बाद इनके पिता ने इन्हें और भी गुर सिखाये। बॉलीवुड को रॉक और डिस्को से रूबरू कराने वाले पूरे देश को अपनी धुन पर नचाने वाले मशहूर सिंगर बप्पी लहरी ने कई बड़ी छोटी फिल्मों में अपनी आवाज दी है। 80 का दशक या 90 का या फिर आज का दौर हो हर दौर में बप्पी दा का गाना गुनगुनाया जाता है। बप्पी दा ने महज 17 साल की उम्र से ही सिंगर बनने का ख्वाब देख लिया था। बप्पी लहरी एसडी बर्मन को अपना आइडल मानते थे। एसडी बर्मन के गानों को सुन कर ही बप्पी लहरी अपने संगीत का रियाज किया करते थे।

क्यों पहनते थे इतना सोना?

बप्पी लहरी के गानों की बात करें तो इन्होंने डिस्को डांस गाना गा कर बॉलीवुड में तहलका मचा दिया था इनके इस गाने को खूब पसंद किया गया था। इन्होंने पहले एक बंगाली फिल्म दादू के लिए अपनी सुनहरी आवाज दी थी। वहीं बप्पी लहरी को सोने पहनने का बहुत शौक था, बप्पी लहरी का नाम सुनते लोगों के जहन में सोने की चैन की छवि बनने लगती है। एक पुराने इंटरव्यू में बप्पी लहरी ने बताया था कि वो अमेरिकन रॉक स्टार एल्विस प्रेसली के बड़े प्रशंसर थे। एल्विस भी अपनी परफॉर्मेंस के वक्त सोने की चैन पहना करते थे। स्ट्रगल के दिनों में ठान लिया था कि जब वो कामयाब हो जाएंगे तो वो भी एल्विस की तरह सोने की चैन पहन कर लोगों के दिलों में अपनी एक अलग छाप छोड़ेंगे। बप्पी लहरी को गोल्ड मैन के नाम से भी पुकारा जाने लगा।
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