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AR Rahman Birthday: इस वजह से हिंदू से मुस्लिम बन गए थे ए आर रहमान, पिता से विरासत में मिला था सुरों का ज्ञान

AR Rahman Birthday: बताया जाता है एक मौका था जब 25 साल की उम्र में रहमान खुद को बेहद असफल मानते थे। उस दौरान रोजाना उनके मन में आत्महत्या के ख्याल आते थे लेकिन कहते हैं न बुरा वक्त कुछ समय के लिए रहता है। हुआ भी वैसा ही आज ए आर रहमान संगीत की दुनियां के किंग माने जाते हैं।

नई दिल्ली। सुरों के बादशाह कहे जाने वाले ए आर रहमान (AR Rahman)के गानों की दुनियां दिवानी है। ए आर रहमान एक ऐसे पहले पहले भारतीय हैं जिन्हें गोल्डन ग्लोब अवार्ड से सम्मानित किया गया है। आज इसी शख्सियत (AR Rahman Birthday)का जन्मदिन है। साल 1967 को तमिलनाडु में जन्में रहमान 55 साल (AR Rahman Birthday) के हो गए हैं। बहुत कम लोग जानते हैं कि वो पहले हिंदु थे लेकिन एक हादसे के बाद उन्होंने मुस्लिम धर्म अपना लिया था। आज ए आर रहमान के गानें देश ही दुनिया में मशहूर हैं। इंटरनेशनल लेवल पर भारत का मान बढ़ाने वाले रहमान (AR Rahman Unknown Facts) को ये गुण उनके पिता से विरासत में मिला था। ए आर रहमान के पिता आरके शेखर मलयाली फ़िल्मों में संगीत देने का काम करते थे। बात अगर प्रसिद्ध संगीतकारों में से एक ए आर रहमान की करें तो उन्होंने 11 साल की उम्र से ही संगीत के साथ अपना सफर शुरू कर दिया था। उनकी प्रोफेशनल के साथ ही पर्सनल लाइफ पर अगर नजर डालें तो ये किसी फिल्म की कहानी से कम नहीं है। तो चलिए उनके जन्मदिन पर जानते हैं उनसे जुड़े कुछ ऐसे किस्सों के बारे में जिससे बहुत लोग अंजान हैं।

ए आर रहमान ऐसे पहले भारतीय हैं जिन्हें ब्रिटिश भारतीय फिल्म स्लम डॉग मिलेनियर में उनके गाने के लिए तीन ऑस्कर नामांकन मिले हैं। बात अगर शुरूआत से करें तो जन्म के समय उनका ए एस दिलीप कुमार था। एक बार जब उनकी (रहमान) की छोटी बहन काफी बीमार हो गई थी। उस वक्त सभी डॉक्टरों ने तो यहां तक कह दिया कि उसके बचने की कोई उम्मीद नहीं है। ऐसे में अपनी बहन की जिंदगी को बचाने के लिए उन्होंने हर जगह छोटी बहन की सेहत और उसकी ज़िन्दगी मन्नत मांगी। जब रहमान एक मस्जिद में अपनी बहन के लिए दुआ मांगने पहुंचे तो वो दुआ रंग लाई। रहमान कि जिंदगी में इसका काफी असर पड़ा और इसी से प्रभावित होकर उन्होंने इस्लाम कुबुल किया। कहा ये भी जाता है कि उनके इस्लाम अपनाने के पीछे वजह उनकी मां थी।

अब बात उनके गानों की करें तो साल 1991 में ए आर रहमान ने अपना खुद का म्यूजिक रिकॉर्ड करना शुरु कर दिया था। फिल्म डायरेक्टर मणिरत्नम ने अपनी फिल्म रोज़ा में रहमान को गानें का मौका दिया। फिल्म म्यूजिकल हिट रही और पहली फिल्म में ही रहमान को फिल्मफेअर मिला। साल 1991 में रहमान ने देश की आजादी की 50 वीं वर्षगाँठ पर “वंदे मातरम्‌” एलबम बनाया, जिसे जबर्दस्त सफलता और लोगों का प्यार मिला। इतना ही नहीं उन्होंने दुनिया के मशहुर डांसर और सिंगर माइकल जैक्सन के साथ मिलकर भी स्टेज शो किए हैं।

बताया जाता है एक मौका था जब 25 साल की उम्र में रहमान खुद को बेहद असफल मानते थे। उस दौरान रोजाना उनके मन में आत्महत्या के ख्याल आते थे लेकिन कहते हैं न बुरा वक्त कुछ समय के लिए रहता है। हुआ भी वैसा ही आज ए आर रहमान संगीत की दुनियां के किंग माने जाते हैं। उन्होंने तहजीब, बॉम्बे, दिल से, रंगीला, ताल, जींस, पुकार, फिजा, लगान, मंगल पांडे, स्वदेश, रंग दे बसंती, जोधा-अकबर, जाने तू या जाने ना, युवराज, स्लम डॉग मिलेनियर, गजनी जैसी फिल्मों में अपनी आवाज दी है। ए आर रहमान ने साईरा बानू से शादी की है। इस शादी से उनके तीन बच्चे हैं। इनका नाम खातिजा, रहीमा और अमीन है।

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