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मुंबई जांच करने गए आईपीएस को क्वारंटाइन करने पर बिहार पुलिस ने बीएमसी को लिखा विरोध पत्र

पटना। बिहार के रहने वाले बॉलीवुड के अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के आत्महत्या के मामले में बिहार और मुंबई पुलिस अब आमने-सामने दिख रही है। मुम्बई जांच के लिए पहुंचे बिहार के आईपीएस अधिकारी विनय तिवारी को मुंबई में नियमों के विरुद्ध क्वारंटीन किए जाने के बाद बिहार पुलिस ने अब बृहनमुम्बई म्यूनिसिपल कोरपोरेशन (बीएमसी) को विरोध पत्र लिखा है।

बिहार के पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय ने सोमवार को राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक करने के बाद कहा कि पटना के नगर पुलिस अधीक्षक विनय तिवारी को जबरन क्वारंटीन करना कहीं से भी उचित नहीं है। पटना जेान के पुलिस महानिरीक्षक संजय कुमार ने बीएमसी के चीफ को एक विरोध पत्र लिखा है, जिसमें अधिकारी के क्वारंटीन करने का विरोध किया गया है और यह कहा गया है कि उसे जल्द से जल्द क्वारंटीन से बाहर किया जाए, जिससे कि वह अपना काम कर सकें।

संजय कुमार ने कहा, ” मुंबई गए हमारे अधिकारी को इस तरह क्वारंटीन करना गलत है। क्वारंटीन को लेकर जो गाइडलाइन है, उसके मुताबिक यहां के गए अधिकारी को क्वारंटीन करना गलत है। बीएमसी उन्हें छूट दे सकता था लेकिन नहीं दिया गया। अब हम चाहते हैं कि विनय कुमार के अतिशीघ्र डीक्वारंटाइन किया जाए, जिससे कि वह अपना काम कर सकें।”

संजय कुमार ने कहा कि यहां से आइपीएस अधिकारी के जाने के पहले महाराष्ट्र पुलिस के अधिकारियों को इसकी सूचना दी गई थी। वे यहां से अधिकारिक तौर पर भेजे गए हैं। ऐसे में उन्हें क्वारंटीन करना कहीं से भी उचित नहीं है। इससे पहले गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि अब सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का इंतजार है। सर्वोच्च न्यायालय जो फैसला सुनाएगा उसका हम लोग पालन करेंगे।

उल्लेखनीय है कि सुशांत सिंह के पिता के के सिंह ने पटना के राजीवनगर में एक मामला दर्ज करवाया है, जिसमें रिया चक्रवर्ती सहित छह लोगों को आरोपी बनाया गया है। इसी मामले की जांच के लिए बिहार पुलिस ने चार सदस्यीय दल मुम्बई भेजा था और इसके बाद रविवार को जांच की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए आईपीएस विजय कुमार को मुम्बई भेजा गया लेकिन रविवार को ही उन्हें क्वारंटाइन कर दिया गया।

बीएमसी ने हालांकि इस मामले में सफाई दी है कि विनय कुमार को नियमों के तहत क्वारंटाइन किया गया है। इस मसले पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी अपना विरोध जता चुके हैं।

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