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Boycott Pathaan: बेशरम रंग गाने के बाद लोगों ने शाहरुख खान को बताया “बेशरम” और दीपिका पादुकोण को बताया “पैसे पर बेच देती हैं ईमान”

नई दिल्ली। पठान बॉयकॉट बदस्तूर चल रहा है। लगातार ट्विटर पर पठान बॉयकॉट ट्रेंड कर रहा है। लेकिन वहीं शाहरुख खान ने इतना विरोध होने के बावजूद खुद को लोगों के सामने पोसिटिव दिखाया है। बॉयकॉट के कारण लाल सिंह चड्ढा फिल्म का हाल बहुत बुरा हुआ था लेकिन शाहरुख खान को शायद ये समझ अब तक नहीं आया है और उन्हें दर्शकों की ताकत का अंदाजा शायद अब तक नहीं हुआ है। शाहरुख खान ने बॉयकॉट की आवाज़ को नकारात्मक आवाज़ बता दी। हालांकि कल शाहरुख खान ने इस मसले पर अपनी बात रखी जिससे साफ़ तौर पर पता चलता है की कहीं न कहीं शाहरुख खान को भी फिल्म के फ्लॉप होने का डर सता रहा है भले ही वो ये बताएं कि वो सकारात्मक हैं। पठान फिल्म के बॉयकॉट को लेकर जनता के तमाम तरह के मत हैं और अब दीपिका पादुकोण और शाहरुख खान सीधे दर्शकों के निशाने पर हैं। यहां हम बताएंगे कि शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण को लेकर जनता का क्या सोचना है।

दीपिका पादुकोण जेएनयू के लोगों के साथ प्रोटेस्ट में शामिल होती हुईं जबसे दिखीं हैं तब से वो दर्शकों के निशाने पर हैं। हर कोई उन्हें टुकड़े-टुकड़े वाली गैंग कहकर ही बुलाता है। लेकिन दीपिका ने बेशरम रंग गाने में जिस तरह से काम किया है उन्होंने अपना नाम और भी खराब कर लिया है। अब लोगों का कहना है कि ये बॉलीवुड की वो कलाकार हैं जिन्होंने पैसों के कारण अपना धर्म और ईमान सब बेच दिया है। ये वो एक्टर हैं जो भारतीय संस्कृति और बच्चों को खराब कर रही हैं और इन्हीं के कारण समाज में जो कुकृत्य होते हैं वो इन्हीं के इन कामों के कारण ही होते हैं। जो इन्होने बेशरम रंग में दिखाने का प्रयास किया है।

लोगों का कहना है कि विदेशी संस्कृति भारतीय संस्कृति को अपनाने की कोशिश कर रही है। लेकिन बॉलीवुड वाले भारत में ही रहकर भारत को और भारत की संस्कृति को बदनाम करने की साजिश रच रहे हैं। बेशरम रंग गाने के माध्यम से ये स्टार संस्कृति को तो बदनाम कर ही रहे हैं। वहीं उस गाने में भगवा रंग को चुना है, क्योंकि इस फिल्म के डायरेक्टर और स्टार दोनों ही बेशरम हैं। लोगों ने शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण दोनों को ही बेशरम बताया है। लोगों का कहना है की आज जो जैसे भी कपड़े चाहे वैसे कपड़े पहन सकता है। लेकिन जिस रंग को ये लोग बेशरम रंग बता रहे हैं इनकी औकात नहीं है उस रंग के बारे में बात करने की। ये उसमें सफेद, हरा और काला रंग का इस्तेमाल क्यों नहीं कर रहे हैं उसका इस्तेमाल कर लेते।

अगर काले और हरे रंग का प्रयोग होता तो क्या उसमें कुछ गलत हो जाता। लोगों का कहना है कि ये फिल्म रिलीज़ से पहले ही फ्लॉप हो गई है जैसे लाल सिंह चड्ढा को बॉयकॉट करने वालों ने फ्लॉप कर दिया था। लोगों का कहना है की आमिर खान ने घर वापसी कर ली है। दीपिका पादुकोण, जिस तरह का गन्दा डांस कर रही है, आजकल बच्चों के सामने ऐसा करना उचित नहीं है। लोगों को पठान फिल्म के नाम से भी दिक्कत है और उनका कहना है कि इस फिल्म का नाम पठान से बदलकर सनातनी रख दें। लोगो का गुस्सा फुल फॉर्म में है और अगर ऐसा ही चलता रहा तो वो दिन दूर नहीं जब शाहरुख को भी कहना पड़ सकता है कि उनकी फिल्म का बहिष्कार न करें।

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