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Anupama Serial Update: बेटी के प्यार ने अनुज को पहुंचाया माया के पास, क्या अनुपमा को उसके पति से दूर करने में होगी कामयाब

नई दिल्ली। अनुपमा सीरियल की शुरुआत में दिखाया गया कि कैसे शाह हाउस अनुपमा और अनुज के बारे में सोच रहे होते हैं कि कहां गए दोनों उतने में ही वनराज आकर कहता हैं कि मुझे पता हैं कि अनुपमा कहां हैं। सब लोग वनराज से पूछते हैं कि कहां मिली अनुपमा तो वनराज बोला कि मंदिर में, यह सुनते ही देविका बोली कि तो फिर बताया क्यों नहीं वहीं हंसमुख भी बोला कि उसे छोड़ कर क्यों आया। वनराज कहता हैं कि अरे बापू जी मैंने उससे कहा था लेकिन उसने मुझे साफ-साफ इंकार कर दिया, वो यहां आना ही नहीं चाहती तो मैं क्या करूं। यह सब सुनते ही देविका बोली तो तुम उसे चुपचाप अकेला छोड़ कर चले आए, वनराज गुस्से में कहता हैं कि नहीं तो क्या करता मैं उसे गोद में लेकर आता, मैं बच्चा नहीं हूं मुझे पता हैं किस सिच्यूएशन में कैसे रिएक्टर करना चाहिए। तभी देविका कहती हैं कि अगर जानते होते तो उसे अकेला छोड़कर नहीं आते, यह सुनते ही वनराज कहता हैं कि अरे अगर तुम इतनी जिम्मेदार थी तो तुम सोती क्यों रही उसे जाने क्यों दिया। अरे दोस्त बनना बहुत आसान हैं लेकिन दोस्ती निभाना बहुत मुश्किल हैं। तुम लोग मुझे उसका दुश्मन समझते हो ना लेकिन इसी दुश्मन को पता था कि वो कहां होगी और तुम्हारे जैसे दोस्तों से ज्यादा तो उसका ये दुश्मन जानता हैं कि अनुपमा कहां मिलेगी। यह सब सुनते ही हंसमुख बोलता हैं कि ये समय लड़ने का नहीं हैं तू बस ये बता कि अनुपमा कैसी हैं, वनराज कहता हैं कि बापू जी आप चिंता मत करिए, वो ठीक हैं और वो अपने आप को संभाल लेगी।

अनुज माया के घर पहुंचा

यह सब सुनते ही काव्या कहती हैं कि लेकिन अनुज का क्या होगा वो कहां हैं? इसको सुनते ही सब हैरान हो जाते हैं तभी अनुज एक रोड पर भटकता-भटकता एक कार के सामने आ जाता हैं जिसके बाद कार का ड्राइवर उसको देख के कहता हैं कि अरे मारना हैं क्या अभी ब्रेक नहीं लगता तो हो जाता तेरा हैप्पी बर्थडे टू यू… अनुज खड़ा होता हैं और उसकी कार में बैठने लगता हैं। तभी कार का ड्राइवर कहता हैं कि अरे यहां कहां घुसा जा रहा हैं गाड़ी बुक हैं। कार में बैठा व्यक्ति अनुज को पहचान जाता हैं और कहता हैं अरे सर आप…आप तो अनुज कपाड़िया हैं ना..इन्होंने मेरी मुसीबत के समय मदद की थी। यह सुनते ही ड्राइवर गाड़ी आगे ले लेता हैं। इधर अनुपमा चलते-चलते अपनी मां के घर पहुंच जाती हैं और अपनी मां को गले लगा कर खूब रोती हैं। इधर अनुज माया की गाड़ी से जाकर टकरा जाता हैं और माया उसे घर ले आती हैं। वहीं अनुज छोटी अनु को देख के काफी खुश होता हैं और उसे गले लगा कर खूब प्यार करता हैं। छोटी अनु अनुपमा को ढूंढती हैं।

अनुपमा अपने मां के घर पहुंची

वहीं इधर अनुपमा कहती हैं कि बस मेरे अनुज को कान्हा जी खुश रखिएगा, और ये कहते ही वह भगवान के सामने डांस करने लग जाती हैं और डांस करते-करते गिर जाती हैं। अनुपमा की मां ये सब देख के काफी हैरान हो जाती हैं और कहती हैं अनुपमा तुम्हारी गलती नहीं है मेरी ही गलती हैं कि मैंने तुम्हें स्वार्थी नहीं बनाया। हमेशा दूसरों के लिए सोचना सिखाया, अपने हक की लड़ाई लड़ना नहीं सिखाया। वहीं अब माया अनुज को अपने पास देखकर सोचती हैं कि अनुज मेरे पास वापस आ गया अब मैं इन्हें जाने नहीं दूंगी।

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