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Opinion: सॉफ्ट पोर्न वाले बयान पर कंगना रनौत की सफाई कहां तक सही ? सेलेक्टिव अप्रोच के साथ रंग बदलती हैं एक्ट्रेस

नई दिल्ली। इन दिनों कंगना रनौत हर जगह छाई हुई हैं। हर जगह उनके ही चर्चे हो रहे हैं। जब से बीजेपी ने कंगना को लोकसभा चुनाव में हिमाचल प्रदेश के मंडी से अपना उम्मीदवार घोषित किया है कंगना के भी पांव जमीन पर नहीं थम रहे हैं। दूसरी तरफ विपक्ष भी एक्ट्रेस की पुरानी वीडियोज और बयानों को निकाल-निकाल कर कंगना को उनकी ही कही बातों पर आईना दिखाने से पीछे नहीं हट रहा है। इसी कड़ी में कांग्रेस ने बीते दिनों कंगना का एक पुराना वीडियो शेयर किया था जिसमें एक्ट्रेस उर्मिला मातोंडकर को सॉफ्ट पोर्न स्टार बताती हुईं नजर आ रही हैं। वीडियो के सामने आते ही हर तरफ कंगना रनौत की किरकिरी होने लगी। अब अपने इस बयान पर कंगना रनौत ने सफाई दी है।


कंगना ने दी सफाई

हाल ही में एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में उर्मिला मातोंडकर को सॉफ्ट पोर्न स्टार कहे जाने वाले अपने बयान पर अब बीजपी उम्मीदवार कंगना रनौत ने सफाई देते हुए कहा कि- ”मैं खुद को जस्टिफाई नहीं कर रही, अगर ये एक्ट्रेसेस तंदूरी मुर्गी, आइटम गर्ल, शीला की जवानी जैसे शब्दों से कम्फर्टेबल है तो इसे ऐसे क्यों देखा जा रहा है जैसे कुछ अमर्यादित हो। मुझे नहीं लगता कि उन्हें (उर्मिला) लज्जित करने का मेरा कोई इरादा था। आप मुझे बताइये क्या सॉफ्ट पॉर्न और पॉर्न स्टार आपत्तिजनक शब्द है? नहीं ये शब्द गलत नहीं हैं बल्कि सिर्फ ऐसे शब्द हैं जिन्हें समाज ने स्वीकार नहीं किया है। ज़रा सनी लीयोनी से पूछिए, जितनी इज्जत पॉर्न स्टार को हमारे देश में मिलती है, दुनिया में उतनी कहीं नहीं मिल सकती।”

कंगना की सफाई कहां तक सही ?

अब सवाल ये उठता है कि क्या कंगना रनौत की ये दलील सही है? किसी महिला को ऐसे पोर्न स्टार कहकर फिर अपने बेतुके बयान से उसे सही साबित करना क्या ठीक है ? कंगना का ये सफाई बयान अपने आप में कई नए विवादों को जन्म देने के लिए काफी है। मसलन अगर कंगना रनौत को उनकी फिल्म में हॉट सीन्स करने के लिए ट्रोल किया जाता है तो इसे वो स्क्रिप्ट और फिल्म की डिमांड कह कर पल्ला झाड़ लेती हैं और अपना वही संस्कारी धार्मिक चोला ओढ़ लेती हैं। लेकिन अब जरा कंगना का ये स्टेटमेंट गौर से पढ़िए जहां उन्होंने कहा कि एक्ट्रेस को तंदूरी मुर्गी, आइटम गर्ल, शीला की जवानी जैसे शब्दों से क्यों दिक्कत नहीं होती ? तो अरे भाई उनकी फिल्मों स्क्रिप्ट की भी तो डिमांड होंगी या कंगना को ये लगता है कि सिर्फ उनकी स्क्रिप्ट ही डिमांड कर सकती है। खैर कंगना की ये सेलेक्टिव अप्रोच वाली मानसिकता यहीं नहीं रुकती है।

आगे एक्ट्रेस ने बेधड़क कह दिया कि ”सॉफ्ट पॉर्न और पॉर्न स्टार शब्द गलत नहीं हैं बल्कि सिर्फ ऐसे शब्द हैं जिन्हें समाज ने स्वीकार नहीं किया है। ज़रा सनी लीयोनी से पूछिए, जितनी इज्जत पॉर्न स्टार को हमारे देश में मिलती है, दुनिया में उतनी कहीं नहीं मिल सकती।” सनी लियोनी जब शायद खुद भी भूल गई होंगी कि वो क्या थी, ऐसे में किसी महिला को बेवजह घसीट कर उसके पास्ट को लेकर ऐसे उदाहरण देना कंगना को कहां तक सही लगता है। क्या ये सनी लियोनी की गरिमा का अपमान नहीं है कि उनके अतीत के कार्य को आज भी घसीटा जा रहा है और अगर कंगना को ये शब्द इतने ही मर्यादित और सही लगते हैं फिर अपनी बारी में उन्हें इतनी मिर्ची क्यों लग जाती है? महिला मोर्चा की सारी बातें उन्हें तब याद क्यों आती है जब उनके लिए कुछ कहा जा रहा हो। बहरहाल, कंगना रनौत की ये चुनावी जर्नी एक्ट्रेस के और क्या-क्या रंग जनता को दिखाती है ये तो आने वाला समय ही बताएगा।

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