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Javed Akhtar: जावेद अख्तर ने अपने ही मजहब के “मुस्लिम पर्सनल लॉ” पर उठाया सवाल, हो गया बवाल

नई दिल्ली। लेखक और संगीतकार जावेद अख्तर अपने एक बयान के कारण एक बार फिर से सवालों के घेरे में घिर गए हैं। उनके एक बयान को लेकर जबरदस्त बवाल हो गया है। उनके इस बयान के बाद उनके ऊपर ऊंगली उठाई जाने लगी है। वैसे ही जावेद अख्तर अपने बयानों को लेकर लगातार ट्रोल होते रहते हैं। उनके बयानों पर काफी बवाल भी हो जाता है लेकिन इस बार उनका बयान उनके ही मजहब के खिलाफ है। उनके ही मजहब के लोगों ने जावेद अख्तर के इस बयान पर आपत्ति दर्ज़ कराई है। जावेद अख्तर से दैनिक भास्कर को दिए गए एक इंटरव्यू में कॉमन सिविल कोड के मुद्दे पर सवाल पूछा गया जिस पर जावेद ने कुछ ऐसा जवाब दिया जो उन्हीं के मजहब के विपरीत हो गया है और उन्हीं के मजहब के लोगों ने उन्हें घेर लिया है। क्या है पूरा मामला यहां हम इसी बारे में बताने वाले हैं।

दरअसल जावेद अख्तर की जिंदगी पर आधारित एक किताब बाजार में आई है जिसका नाम है जादूनामा। जब दैनिक भास्कर के वरिष्ठ पत्रकार ने जावेद अख्तर से कॉमन सिविल कोड बिल पर जावेद अख्तर से सवाल पूछा, तो जावेद ने सवाल का जवाब देते हुए मुस्लिम परसनल लॉ बोर्ड को घेरे में ले लिया। जावेद अख्तर ने कहा, “मुस्लिम परसनल लॉ में एक से ज्यादा बीवी रखने की इजाजत है। ये समानता के खिलाफ है। एक से ज्यादा बीवी होना ये तो समानता नहीं है या तो औरत को भी इजाजत दीजिए कि पत्नी भी एक से ज्यादा कई पति रख सके। तब तो समानता है।

दैनिक भास्कर की खबर के मुताबिक, जावेद अख्तर ने आगे कहा कि अगर कोई अपनी रिवायतें बरकरार रखना चाहता है तो रख सकता है लेकिन संविधान से कोई समझौता बर्दाश्त नहीं होगा। जावेद अख्तर ने आगे कहा – “मैं अपनी बेटे और बेटी को बराबर की प्रॉपर्टी दूंगा। मुलिम पर्सनल लॉ बोर्ड का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के हिसाब से अगर तलाक हो जाए तो 4 महीने बाद पति, पत्नी को गुजारा भत्ता देने के लिए भी बाध्य नहीं होता है। ये गलत है।

आगे दैनिक भास्कर से जावेद अख्तर ने कहा,”सबसे पहले कॉमन सिविल कोड का ड्राफ्ट आना चाहिए। भारत जैसे बड़े और विविधता वाले देश में, क्या एक क़ानून हो सकता है ? ये बहस का मौंजू है। अगर किसी के पर्सनल लॉ हैं तो रहे, लेकिन पर्सनल लॉ और संविधान के बीच अगर मुझे चुनना होगा तो मैं संविधान को आगे रखूंगा।

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पर दिए गए बयान के बाद ऑल इण्डिया शिया चांद कमेटी के प्रेसिडेंट सैफ अब्बास नकवी ने आपत्ति जताते हुए जावेद अख्तर के बयान को शर्मनाक बताया है। उन्होंने कहा है जिस बयान में महिलाओं को कई पति रखने की सलाह दी गई है। इसका जितना भी विरोध किया जाए वो कम है। उनका कहना है, हिंदुस्तान में कुछ लोग ऐसे हैं जो इस तरह के बयान देकर सुखियों का हिस्सा बने रहना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि जावेद अख्तर को पूरे देश की महिलाओं से माफ़ी मांगनी चाहिए। उन्होंने हमारे देश की तहजीब पर हमला किया है। इस तरह की सलाह निंदा के योग्य है।

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