News Room Post

Tiku Weds Sheru Review: ढ़ीली स्क्रिप्ट और फास्ट स्टोरीटेलिंग, इमोशनलेस है नवाज-अवनीत की फिल्म, पढ़ें पूरा रिव्यू

नई दिल्ली। कंगना रनौत के बैनर तले बनी नवाजुद्दीन सिद्दीक़ी और अवनीत कौर स्टारर फिल्म ‘टीकू वेड्स शेरू’ आज ओटीटी प्लेटफॉर्म अमेजन प्राइम पर रिलीज की जा चुकी है। फिल्म ट्रेलर रिलीज के बाद से ही चर्चा में थी क्योंकि इस फिल्म में नवाज और अवनीत के बीच किसिंग दिखाया गया था। जिस पर यूजर्स काफी भड़के थे। आपको बता दें कि फिल्म में नवाजुद्दीन सिद्दीक़ी और अवनीत कौर के बीच रोमांस दिखाया गया है। नवाज और अवनीत के बीच उम्र का बड़ा अंतर है। नवाज की उम्र जहां 49 साल है तो अवनीत महज 21 साल की हैं। ऐसे में क्या है इनकी अतरंगी लवस्टोरी इसके लिए चलिए एक नजर डालते हैं फिल्म की कहानी पर…

फिल्म की कहानी भोपाल की रहने वाली टीकू (अवनीत कौर) और मुंबई में जूनियर आर्टिस्ट के तौर पर काम करने वाले शेरू (नवाजुद्दीन) के इर्द-गिर्द घूमती है। मुंबई में रहने वाला शेरू जूनियर आर्टिस्ट होने के साथ दो नंबर के धंधे भी करता है। जिसमें लड़किया सप्लाई करना भी शामिल है। वहीं टीकू भोपाल में रहती है और मायानगरी जा कर नाम बनाना चाहती है। एक दिन टीकू के लिए शेरू का रिश्ता आता है, जिसे वो रिजेक्ट कर देती है। फिर टीकू का बॉयफ्रेंड उसे समझता है कि वो शेरु से शादी करने को हां बोल दे ताकि वो मुंबई आ सके। शादी के बाद टीकू मुंबई आती है और शेरू के घर से भाग जाती है। लेकिन फिर उसे पता चलता है कि उसका बॉयफ्रेंड पहले से शादीशुदा है और वो उसके बच्चे की मां बनने वाली है। अब क्या टीकू शेरू के पास जाएगी? क्या शेरू उसको अपनाएगा? उसे किस तरह की मुसीबतों का सामना करना पड़ेगा? कैसे ग्लैमर इंडस्ट्री में उसका भी इस्तेमाल किया जाएगा? ये सब जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी।

क्या है खास और कहां रह गई कमीं

फिल्म का कमजोर और मजबूत पक्ष इसकी स्क्रिप्टिंग है। मजबूत ये कि फिल्म जल्दी-जल्दी आगे बढ़ती है तो किसी सीन में आप अटकते नहीं और कमजोर पक्ष ये कि इतनी फ़ास्ट होने के कारण फिल्म इमोशनली कनेक्ट नहीं कर पाती। भावुक सीन्स में भी वो इमोशन पैदा नहीं कर पाती। डेब्यू के लिहाज से अवनीत की एक्टिंग अच्छी थी हां और अच्छे की गुंजाइश बचती है। नवाज हमेशा अपनी आला एक्टिंग के लिए जाने जाते हैं। इस फिल्म में भी उनकी एक्टिंग अच्छी है पर कुछ सीन्स में वो फेक लगते हैं। खुलकर किरदार जी नहीं पाते, पर यहां भी दोष स्क्रिप्ट का है कि इसमें किरदारों को गहराई से गढ़ा नहीं गया है।

देखें या नहीं देखे

फिल्म टीकू वेड्स शेरू छोटी फिल्म है। पूरे दो घंटे भी नहीं, एक घंटे पचास मिनट की है। तो अगर आपके पास कुछ और देखने को नहीं है तो एक बार तो देख ही सकते हैं।

Exit mobile version