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Rani Mukerji: “5 महीने का बच्चा खो दिया…” कोविड के दौरान दूसरी बार प्रेग्नेंट थी रानी मुखर्जी, अब जाकर छलका मिसकैरेज का दर्द

Rani Mukerji: रानी ने ये भी खुलासा किया कि उन्होंने फिल्म के प्रमोशन के दौरान भी अपने मिसकैरिज का जिक्र नहीं किया था, क्योंकि लोग इसे अपनी तरह ही लेते और इसे फिल्म के लिए किया गया प्रमोशनल स्टंट बताते। गौरतलब है कि फिल्म मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे में रानी ने एक ऐसी मां का रोल प्ले किया था, जो अपने बच्चे की वापसी के लिए सरकार से लड़ती है

नई दिल्ली। बॉलीवुड एक्ट्रेस रानी मुखर्जी को आखिरी बार फिल्म  मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे में देखा गया था, जो साल 2023 में मार्च के महीने में रिलीज हुई थी। इस फिल्म में रानी मुखर्जी अपने बच्चों को वापस लाने के लिए सरकार से ही जंग लड़ती दिखती हैं लेकिन क्या आपको पता है कि ये दर्द रानी ने असल जिंदगी में भी झेला है। जी हां रानी मुखर्जी अपने एक बच्चे को खो चुकी हैं और उन्होंने इस बात का खुलासा मेलबर्न के भारतीय फिल्म महोत्सव में किया है। इस दर्द को झेल पाना रानी के लिए बहुत मुश्किल था। तो चलिए जानते हैं एक्ट्रेस ने क्या कहा।


मिसकैरेज के 10 दिन बाद मिला फिल्म का ऑफर

रानी मुखर्जी ने मेलबर्न के भारतीय फिल्म महोत्सव में इस बात का खुलासा किया कि उन्होंने अपने एक बच्चो को खाया है और फिल्म मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे के दौरान ही ऐसा हुआ था, लेकिन अगर उस वक्त मैं इस बारे में बात करती तो ये प्रमोशनल स्टंट माना जाता। एक्ट्रेस ने इंटरव्यू में खुलासा किया कि जब कोविड-19 आया था, तो साल 2020 के आखिर में गर्भवती थी। एक्ट्रेस ने बताया कि मैं 5 महीने दूसरे बच्चे से प्रेग्नेंट थी लेकिन मैंने अपने 5 महीने के बच्चे को खो दिया। इसी दौरान मुझे फिल्म के निर्माता निखिल आडवाणी का फोन आया। फिल्म की कहानी सुनकर मुझे यकीन नहीं हो रहा था, क्योंकि 10 दिन पहले ही मैंने अपना बच्चा खोया था। मैं खुद उस वक्त उस दर्द से गुजर रही थी, और वो फिल्म मेरे लिए सही थी,क्योंकि मैंने उसे महसूस किया।


फिल्म के प्रमोशन के दौरान नहीं किया जिक्र

रानी ने ये भी खुलासा किया कि उन्होंने फिल्म के प्रमोशन के दौरान भी अपने मिसकैरिज का जिक्र नहीं किया था, क्योंकि लोग इसे अपनी तरह ही लेते और इसे फिल्म के लिए किया गया प्रमोशनल स्टंट बताते। गौरतलब है कि फिल्म मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे में रानी ने एक ऐसी मां का रोल प्ले किया था, जो अपने बच्चे की वापसी के लिए सरकार से लड़ती है। ये फिल्म असल घटना पर आधारित है, जिसे सागरिका चक्रवर्ती की किताब द जर्नी ऑफ ए मदर से लिया गया।

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