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Azaad Film Review in Hindi: राशा थडानी और अमन देवगन की फिल्म ”आजाद” ने छुआ दिल, थिएटर जाने से पहले पढ़ें पूरा रिव्यू

Azaad Film Review in Hindi: फिल्म के निर्माता प्रज्ञा यादव और रोनी स्क्रूवाला है। ये फिल्म अपनी अनाउंसमेंट के बाद से ही लगातार चर्चाओं में बनी थी। फिल्म के गाने ''उई अम्मा'' ने सोशल मीडिया पर पहले से धमाल मचा रखा है जहां हर कोई राशा के डांस मूव्स की तारीफ़ करता नजर आ रहा है। लेकिन ये फिल्म वाकई में कैसी है? और कैसी है अमन देवगन और राशा थडानी की एक्टिंग? चलिए जानते हैं सबकुछ विस्तार से इस रिव्यू में...

नई दिल्ली। मच अवेटेड फिल्म ”आजाद” आज यानी 17 जनवरी को थिएटर में रिलीज कर दी गई है। इस फिल्म से अजय देवगन के भांजे अमन देवगन और 90tees की डीवा रवीना टंडन की बेटी राशा थडानी ने अपना बॉलीवुड डेब्यू किया है। फिल्म का निर्देशन अभिषेक कपूर ने किया है। फिल्म के निर्माता प्रज्ञा यादव और रोनी स्क्रूवाला है। ये फिल्म अपनी अनाउंसमेंट के बाद से ही लगातार चर्चाओं में बनी थी। फिल्म के गाने ”उई अम्मा” ने सोशल मीडिया पर पहले से धमाल मचा रखा है जहां हर कोई राशा के डांस मूव्स की तारीफ़ करता नजर आ रहा है। लेकिन ये फिल्म वाकई में कैसी है? और कैसी है अमन देवगन और राशा थडानी की एक्टिंग? चलिए जानते हैं सबकुछ विस्तार से इस रिव्यू में…

फिल्म की कहानी:

आजाद की कहानी आजाद नाम के एक घोड़े की है। ये घोड़ा अजय देवगन यानी विक्रम ठाकुर का घोड़ा है जिसपर विक्रम के शागिर्द एक बागी गोविन्द यानी अमन देवगन का दिल आ जाता है। फिल्म की कहानी ब्रिटिश इंडिया के ज़माने में स्थापित की गई है जहां एक गांव का जमींदार जो की अब अंग्रेजी हुकूमत के लिए काम करता है और अपने ही गांव वालो पर अंग्रेजी सरकार के लिए जुल्म करता है, इस जुल्म से अजय देवगन और उसके बागी साथियों की सीधी लड़ाई रहती है… जिसमें उसका साथ घोड़ा आजाद और गोविंद देते हैं।

एक्टिंग:

फिल्म की कहानी का पूरा फोकस घोड़े आजाद और गोविन्द की बॉन्डिंग पर है। एक्टिंग की बात करें तो गोविन्द और आजाद की बॉन्डिंग कहीं कहीं काफी बोझिल लगती है। राशा थडानी के डांस मूव्स अच्छे हैं। फर्स्ट हाफ में उनकी ज्यादा स्क्रीन प्रेजेंस नहीं है। सेकेंड हाफ में भी वो साइड कैरेक्टर बनकर रह जाती हैं। अमन देवगन और राशा के बीच की मिसिंग केमिस्ट्री इस फिल्म की सबसे कमजोर कड़ी है। अजय देवगन का काम शानदार है। डायना पेंटी ने सधा हुआ अभिनय किया है बाकि पियूष मिश्रा और मोहित मलिक ने भी अपने किरदारों के साथ न्याय किया है।

फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर अच्छा है। हालांकि फिल्म में ऐसा कुछ भी नहीं है जो आपने पहले न देखा हो सिवाय आजाद और गोविंद की प्रेम कहानी के। फिल्म की स्टोरी इस फिल्म की दूसरी सबसे कमजोर कड़ी है जहां ये फिल्म बुरी तरह लड़खड़ा जाती है। हमारी तरफ से इस फिल्म को 3 स्टार… बाकी आप खुद थिएटर जाकर इसे एक्सपीरिएंस कर सकते हैं।

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