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Sonu Sood: बॉयकॉट ट्रेंड और नेपोटिज्म को लेकर सोनू सूद ने रखी अपनी खुलकर बात

नई दिल्ली। हाल ही में तमाम फिल्मों पर बॉयकॉट का तमगा दिया गया। बहुत सी फिल्म बॉयकॉट के कारण फ्लॉप हुईं। वहीं पठान जैसी फिल्म बॉयकॉट के कारण और अपने कंटेंट के कारण सफल भी हुईं। बीते कुछ महीनों में बॉयकॉट ऐसा कल्चर बन गया था कि कई फिल्म बॉयकॉट के सहारे आ गई। कई लोग का मानना था कि बॉलीवुड वाले हिन्दू धर्म और उनके देवी-देवताओं का हमेशा अपनी फिल्मों में मजाक बनाते हैं जिसके कारण सिर्फ बॉलीवुड की फिल्मों का ही नहीं बल्कि पूरे बॉलीवुड का ही बॉयकॉट होने लगा। हाल ही में एएनआई में से स्मिता प्रकाश को दिए गए इंटरव्यू में सोनू सूद ने बॉयकॉट ट्रेंड और इंडस्ट्री में होने वाले नेपोटिस्म जैसे तमाम मुद्दों पर अपनी प्रतिक्रिया दी। यहां हम आपको इसी बारे में बतांएगे।

सोनू सूद ने अपने इस इंटरव्यू में बॉयकॉट करने को लेकर कहा, “मुझे लगता है आजकल लोग कुछ अधिक संवेदनशील हो गए हैं। या फिर बन रहे हैं। जो लोग फिल्म को बॉयकॉट करते हैं मुझे नहीं पता उससे फिल्म पर कितना प्रभाव पड़ता है और वो बॉयकॉट कल्चर कितना सही है। लेकिन बिना देखे अगर आप फिल्म को बोलते हैं कि इसको बॉयकॉट किया जाए, ये सही नहीं है। आप पिक्चर को रिजेक्ट कर सकते हैं कि पिक्चर अच्छी नहीं है लेकिन बिना देखे उसपर अपनी राय बना देना, मुझे लगता है वो थोड़ा सही नहीं है। मौका जरूर देना चाहिए कि तू अपनी कहानी तो बता हम बताएंगे कि इस कहानी को सुनना है या नहीं।

इसके अलावा सोनू ने ये भी कहा कि फिल्ममेकर को भी इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि वो क्या कहने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर आप किसी कम्युनिटी और धर्म के बारे में बात करने जा रहे हैं तो आपको जवाबदेही लेनी होगी। आगे सोनू ने कहा, “आज लोग कुछ ज्यादा संवेदनशील हैं तो वो स्वीकार करेंगे नहीं तो आप अपने काम के खुद जिम्मेदार हैं। आप ये नहीं कह सकते कि मैं तो ऐसे ही चाहता हूं और मैं तो ऐसे ही दिखाऊंगा। वो समय अब चला गया।”

नेपोटिस्म की बात करते हुए सोनू बोले, “देखिए वो हमेशा रहेगा। जिनके माता-पिता इंडस्ट्री में हैं तो उनके बच्चों को तो रोल मिलेंगे ही। अब उस जंग के बीच आपको कैसे निकलना है इसका ध्यान आपको रखना होगा।

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