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Munawar Faruqui: कभी समोसे बेचकर परिवार की मदद करते थे स्टैंडअप कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी, मां और दादी बनाती थी समोसे

MUNNAWAR

नई दिल्ली।स्टैंडअप  कॉमेडी की दुनिया का पॉपुलर नाम मुनव्वर फारुकी  को कौन नहीं जानता। कंगना रनौत के रियलिटी शो लॉकअप में आने के बाद कॉमेडियन की पॉपुलैरिटी में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई। कॉमेडियन ने शो में रहते हुए भी एक्ट्रेस को खूब रोस्ट किया था लेकिन असल जिंदगी में दूसरों के चेहरों पर मुस्कान लाने वाले मुनव्वर फारुकी ने ऐसे दिन देखे हैं, जब उन्होंने घर की आर्थिक स्थिति को संभालने के लिए अपनी पढ़ाई ही बीच में छोड़ दी। अपने हालिया इंटरव्यू में मुनव्वर ने अपनी जिंदगी के संघर्ष वाले दिनों को याद किया।


आर्थिक तंगी की वजह से छोड़ी पढ़ाई

स्टैंड अप कॉमेडियन ने हाल ही में मैशेबल इंडिया को इंटरव्यू दिया और अपने बचपन को दिनों को याद किया। उन्होंने बताया कि पिताजी ने एक  रेस्तरां  खोला था, जिसे खोलने में ही उन्होंने सारी पूंजी लगा दी थी। रेस्तरां चला नहीं, जिसकी वजह से हम कर्ज में डूब गए। अपने पिता और परिवार की मदद करने के लिए मैंने अपनी पढ़ाई छोड़ दी और सड़कों पर समोसे बेचना शुरू कर दिया। मेरी दादी और मां समोसे बनाती थीं और मैं उन्हें बाहर बेचने के लिए जाया करता था। मैंने दो महीने तक एक गिफ्ट शॉप पर सुबह 9 बजे से रात 8 बजे तक काम किया। जहां 11 घंटे काम करने के मुझे महीने में 850 रुपये मिलते थे। दुकान बहुत दूर थी और मैं पैदल  3.5 किमी चलकर दुकान तक जाता था। हालांकि ये सब करना मुझे पसंद नहीं था, इसलिए मैंने अपना कुछ करने की ठानी।


मां और दादी बनाती थी समोसे

कॉमेडियन ने आगे बताया कि जब मैंने समोसे की स्टॉल खोली थी तो मां और दादी समोसे बनाती थीं। मैं स्टॉल पर समोसे  तलकर बेचता था और कई  बार ऐसा हुआ कि मेरी उंगलियां जल गई.. मेरे ऊपर गर्म तेल के छींटे पड़ गए। लेकिन समय के साथ इन सबकी भी आदत हो गई। गौरतलब है कि इतना मुनव्वर की कॉमेडी को पसंद किया जाता है, उससे कहीं ज्यादा वो विवादों में रहे हैं। उनके ऊपर हिंदू देवी-देवताओं पर कथित टिप्पणी करने का आरोप लगा है। कॉमेडियन पर कई एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं।

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