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Pran Death Anniversary: पान खाने का लगा चस्का और बन गए स्टार, दिलचस्प है प्राण के फिल्मों में आने का किस्सा

नई दिल्ली। हिंदी सिने जगत में अपनी खलनायकी और रौबदार किरदार के लिए मशहूर एक्टर प्राण की आज यानि कि 12 जुलाई को पुण्यतिथि है। प्राण ने रुपहले पर्दे पर कई तरह के किरदार निभाए। प्राण एक ऐसे अभिनेता थे जो अपने द्वारा निभाए गए हर किरदार में जान डाल देते थे। शायद इसीलिए उनके द्वारा निभाए गए किरदार लोगों को आज भी याद हैं। अधिकतर फिल्मों में प्राण ने खलनायक की भूमिका निभाई है या रौबदार रईस पिता के किरदार से उन्होंने अपनी धाक जमाई है। उनके द्वारा निभाई गई फिल्म ‘शराबी’ में महानायक अमिताभ बच्चन के बिजेनस टायकून पिता का किरदार प्राण के ऑल टाइम बेस्ट परफॉर्मेंसेस में से एक थी, जो लोगों को आज भी याद है। आज एक्टर की पुण्यतिथि के मौके पर चलिए आपको बता दें उनसे जुड़े कुछ और किस्से…

प्राण का जन्म 12 फरवरी, 1920 को पुराणी दिल्ली के बल्लीमारान इलाके में बसे एक संपन्न परिवार में हुआ था। प्राण के बचपन का नाम कृष्ण सिकंदर था। प्राण के पिता एक सरकारी ठेकेदार थे। देहरादून के पास बना कलसी पुल प्राण के पिता का ही बनवाया हुआ पुल है। उनके पिता को काम के सिलसिले में अलग-अलग जगहों पर जाना पड़ता था। यही कारण रहा कि प्राण की शिक्षा उन्नाव, मेरठ, देहरादून, रामपुर और कपूरथला जैसे शहरों में हुई।

प्राण को हिंदी सिनेमा में आज सफलतम अभिनेता के तौर पर जाना जाता है। लेकिन आप ये जानकर चौंक जाएंगे कि ये वेटरन एक्टर शुरुआत में एक फोटोग्राफर बनना चाहते थे। अपने इस सपने को पूरा करने लिए प्राण ने दिल्ली की एक कंपनी ‘ए दास एंड कंपनी’ में अप्रेंटिस के तौर पर काम भी किया। लेकिन प्राण की किस्मत को तो कुछ और ही मंजूर था।

जी हां, दरअसल प्राण को पान खाने का बड़ा शौक था और उसी पान दुकान पर खड़ा होना प्राण की जिंदगी टर्निंग पॉइंट बन गया। साल 1940 में लेखक मोहम्मद वली ने प्राण को जब पान की दुकान पर देखा तो उसी वक़्त उन्हें अपनी फिल्म में लेने का मन बना लिया। मोहम्मद वली ने अपनी पंजाबी फिल्म ‘यमला जट’ के लिए प्राण को कास्ट कर लिया। ये फिल्म एक बड़ी हिट बनकर उभरी और इसी के साथ सिनेमा जगत को एक बेहतरीन अभिनेता मिल गया।

आपको बता दें कि शुरुआत में प्राण ने अपने फिल्मों में काम करने की बात अपने घरवालों से छिपा कर रखी थी। हालांकि जब उनका पहला इंटरव्यू अखबार में आया तो उनके पिता को उनपर काफी गर्व महसूस हुआ।

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