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Kantara Box Office Collection: हिन्दू धर्म और संस्कृति पर बनी फिल्म कांतारा भी बॉक्स ऑफिस पर कर रही जबरदस्त कमाई

नई दिल्ली। ऋषभ शेट्टी (Rishab Shetty) की फिल्म कांतारा (Kantara) जब से सिनेमाघर में रिलीज़ हुई है ये फिल्म लोगों की पसंदीदा फिल्मों में से एक बनी हुई है। क्रिटिक के साथ इस फिल्म को दर्शकों ने भी खूब पसंद किया है। इस फिल्म को सबसे पहले कन्नड़ा दर्शकों से बेहद प्यार मिला था। कम स्क्रीन होने के बावजूद जब इस फिल्म को कन्नड़ा वर्जन में रिलीज़ किया गया तब इस फिल्म के शो थिएटर में हाउसफुल जा रहे थे। इसके बाद इस फिल्म को अब हिंदी दर्शकों के लिए भी रिलीज़ किया गया है। हिंदी दर्शकों में इस फिल्म का उतना अधिक क्रेज़ नहीं है लेकिन फिर भी दर्शक इस फिल्म को पसंद कर रहे हैं क्योंकि उन्हें कुछ नया और कुछ अलग देखने को मिल रहा है। कांतारा फिल्म को 14 अक्टूबर को हिंदी में रिलीज़ किया गया और 15 अक्टूबर को इस फिल्म को तेलुगु वर्जन में रिलीज़ किया गया। यहां हम जानने का प्रयास करेंगे की आखिर अब तक फिल्म ने कुल कितने की कमाई (Kantara Box Office Collection) कर ली है।

इस फिल्म ने कुल 80 करोड़ रूपये के आसपास का कारोबार कर लिया है और ऐसी उम्मीद है कि ये फिल्म रविवार तक 95 करोड़ रूपये के कारोबार तक बिजनेस कर सकती है। जल्द ही ये फिल्म 100 करोड़ रूपये के बिजनेस को भी पार कर सकती है। हालांकि पहले दिन में हिंदी बेल्ट ने इस फिल्म ने मात्र 1 करोड़ 10 लाख रूपये का कारोबार किया और वहीं दूसरे दिन 2 करोड़ 25 लाख का कारोबार किया है। अगर हिंदी बेल्ट में इस फिल्म के कुल कारोबार की बात करे तो फिल्म ने कुल 3 करोड़ 35 लाख का कारोबार किया है। तमिल और तेलुगु वर्जन में इस फिल्म ने करीब 3 करोड़ रूपये का कारोबार किया है। इसके अलावा कर्नाटक में अपने तीसरे हफ्ते में भी फिल्म ने 7 करोड़ रूपये के आसपास का कारोबार किया है। फिल्म ने कर्णाटक में भी कुल 71 करोड़ रूपये का कारोबार क्र लिया है। फ़िलहाल इस फिल्म का कुल कारोबार 80 करोड़ रूपये के आसपास है जो आगे भी बढ़ने की संभावना है।

कांतारा जो की एक कन्नड़ा फिल्म है और कन्नड़ा संस्कृति से जुड़ी है। एक हिसाब से ये फिल्म भारतीय संस्कृति की जड़ों जुड़ी है। ये फिल्म हमारे देव की पूजा और खासकर गांव में होने वाले कुलदेवता की पूजा की बात करती है। फिल्म दिखाती है कि देव अपने निवासियों के लिए क्या कुछ करते हैं और कितने शक्तिशाली हैं। वहीं गांववाले भी देव के प्रति पूर्ण समर्पित दिखते हैं वे उनके आगे किसी की नहीं सुनते हैं। उनके ऊपर किसी को सम्मान नहीं देते हैं। इस फिल्म को नए तरीके से जड़ों से जोड़कर बनाया गया है। जिसमें हमें भारतीय संस्कृति और हिन्दू धर्म की झलक देखने को मिलती है।

 

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