नई दिल्ली। सिनेमा जगत से एक और बुरी खबर सामने आ रही है। दक्षिण भारतीय सिनेमा की लेजेंड्री गायक वाणी जयराम का आकस्मिक निधन हो गया है। अचानक आई इस खबर से पूरा मीडिया जगत शोक में है। वीणा जयराम जानी-मानी प्रतिभा हैं जिन्होंने बहुत से गानों को अपनी आवाज़ दी है। 1971 में अपने करियर के जीवन की शुरुआत करने वाली वाणी ने करीब 5 दशक पार किए और 78 वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया है। उन्होंने करीब 10 हज़ार सांग में आवाज़ दी है। “बोले रे पपीहरा”, हमको मन की शक्ति देना, मेरे तो गिरधर गोपाल और मैंने तुम्हें पा लिया है जैसे बेहतरीन संगीत में अपनी आवाज़ देने वाली वाणी जयराम अब इस दुनिया में नहीं रहीं।
पदम् भूषण अवार्ड से सम्मानित वाणी जयराम को 4 फरवरी को उन्हीं के घर चेन्नई में मृत पाया गया है। वो 78 वर्ष की थीं। 2023 गणतंत्र दिवस पर वाणी जी को भारत सरकार की तरफ से पद्म भूषण के अवार्ड से सम्मानित किया गया है। अचानक आई उनकी मृत्यु की खबर से पूरे भारतवर्ष में शोक की लहार दौड़ गई है। उन्होंने करीब 1 हज़ार फिल्म में काम किया है और 10 हज़ार करीब गानों में अपनी आवाज़ दी है।
वाणी जयराम को चेन्नई स्थित उनके घर नुंगमबक्कम में मृत पाया गया। हालांकि अभी तक मृत्यु की वजह की कोई भी खबर नहीं आई है। आपको बता दें साल 2018 में ही वाणी जयराम के पति जयराम की भी मृत्यु हो गई थी। वाणी जयराम एक क्लासिकल गायक थीं जिन्होंने करीब 19 भाषा के गानों में अपनी आवाज़ दी है।
हिंदी भाषा में साल 1971 में आई गुड्डी फिल्म से वाणी जयराम को ब्रेक मिला था। उन्होंने बहुत से लीजेंड जैसे एम एस विश्वनाथन, केवी महादेवन, और इलैयाराजा के साथ भी काम किया है। वाणी ने कन्नड़ा, तमिल, हिंदी, तेलुगु, बंगाली, मराठी और मलयालम व अन्य भाषा में भी काम किया है। इन्हें राष्ट्रीय पुरुस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। म्यूसिक कम्पोज़र वसंत देसाई के साथ वाणी ने गुड्डी फिल्म के लिए काम किया है। वाणी ने पाकीज़ा, आइना और छलीआ जैसी फिल्मों में मुकेश के साथ भी काम किया है। इसके अलावा उन्हें फिल्मफेयर अवार्ड और नेशनल स्टेट अवार्ड से भी नवाज़ा जा चुका है।