नई दिल्ली। आशा पारेख (Asha Parekh) बॉलीवुड की दिग्गज अभिनेत्री हैं। अपने फिल्मी करियर के दौरान उन्होंने एक से बढ़कर एक फिल्में दी। 90 के दशक में आशा पारेख ने न सिर्फ अपनी एक्टिंग से लोगों का दिल जीता बल्कि उनकी खूबसूरती के भी लोग दिवाने थे। एक्ट्रेस ने जब अपना फिल्मी करियर शुरू किया था तब वो काफी कम उम्र की थी। एक्ट्रेस फिलहाल तो सिनेमा जगत से दूर हैं लेकिन कई बार टीवी शोज में गेस्ट के तौर पर नजर आ जाती हैं। अब बॉलीवुड की इस दिग्गज अभिनेत्री ने ऐसा बयान दे दिया है जिसके बाद से ही वो चर्चा में आ गई है।
दरअसल, आशा पारेख ने एक एंजेसी के साथ बात करते हुए अपने करियर के दिनों को याद किया और कई ऐसी बातें बताई जो हैरान करने वाली थी। बॉलीवुड को कटी पतंग, तीसरी मंज़िल, लव इन टोक्यो, आन मिलो सजना, दो बदन, मेरा गाँव मेरा देश जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्में देने वाली आशा पारेश ने इंडियन फिल्म फेस्टिवल (Indian Film Festival of India) के 53वें एडिशन के दौरान अपने उन दिनों को याद किया जब उन्हें शूटिंग के दौरान बुनियादी सुविधाएं तक नहीं मिलती थी।
‘झाड़ियों के पीछे करने होते थे’- आशा पारेख
आशा पारेख ने अपने करियर के दिनों को याद करते हुए कहा कि उस वक्त हमें सेट पर न तो वैनिटी वैन और न ही टॉयलेट्स जैसी सुविधा मिलती थी। कई बार तो हमें पूरा-पूरा दिन बिना बाथरूम जाए रहना पड़ता था। शुक्र है मैं किडनी से जुड़ी किसी समस्या से ग्रसित नहीं थी। आगे बातचीत के दौरान आशा पारेख बताती हैं कि उन्हें कपड़े भी कभी-कभी झाड़ियों के पीछे जाकर बदलने पड़ते थे।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आशा पारेख ही नहीं बल्कि जया बच्चन भी इसे लेकर पहले ही बात कर चुकी है। जया बच्चन ने अपनी पोती नवेली नंदा के पॉडकास्ट शो व्हाट द हेल नव्या में इस मामले को लेकर खुलकर बात करते हुए कहा था कि जब वो फिल्मों में काम करती थीं तो उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। उस वक्त टॉयलेट्स और चेंजिंग रूम जैसी कोई सुविधा नहीं मिलती थी। जया बच्चन ने कहा ये भी था कि कई बार तो उन्हें झाड़ियों के पीछे ही सैनिटरी पैड बदलने पड़ते थे। एक्ट्रेस ने कहा था कि सैनिटरी पैड फेंकने की भी सुविधा नहीं होती थी ऐसे में हमें अपने साथ प्लास्टिक बैग रखना पड़ता था। बाद में हम घर वापस जाने का इंतजार करते थे ताकी उस प्लास्टिक बैग में रखे सैनिटरी पैड को फेंक सके।