नई दिल्ली। हिंदी सिनेमा के मशहूर एक्टर जूनियर महमूद ने दुनिया को अलविदा कह दिया है। एक्टर काफी दिनों से जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे थे। देर रात 2 बजे के करीब उन्होंने आखिरी सांस ली।बता दें कि जूनियर महमूद की आंत में ट्यूमर था और वो कैंसर की चौथी स्टेज पर थे। उनका वजन तेजी से गिर रहा था। हाल ही में एक्टर जितेंद्र और जॉनी लीवर भी उनसे मिलने पहुंचे थे। अब निधन की खबर से इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ पड़ी है। हर कोई नम आंखों से एक्टर को अंतिम विदाई दे रहा है। तो चलिए जानते हैं कि आखिर जूनियर महमूद का नाम कैसे जूनियर महमूद पड़ा।
9 साल की उम्र में शुरू की एक्टिंग
जूनियर महमूद का असल नाम नईम सैय्यद था, और उन्होंने छोटी सी उम्र से ही एक्टिंग करना शुरू कर दिया है। दरअसल जूनियर महमूद के बड़े भाई सेट पर जाते थे और एक दिन जूनियर महमूद भी उनके साथ चले गए..। जहां एक चाइल्ड आर्टिस्ट अपने डायलॉग नहीं बोल पा रहा था और वहां जूनियर महमूद ने कहा दिया कि ये तो कोई भी कर सकता है, जिसके बाद डायरेक्टर ने जूनियर महमूद को चैलेंज किया और जूनियर महमूद ने एक टेक में ही डायलॉग बोल डाला। उस डायलॉग को बोलने के लिए उन्हें पांच रुपये भी मिले थे।
कैसे पड़ा जूनियर महमूद नाम
कहा जाता है कि फिल्मों में हाथ आजमाने के साथ ही जूनियर महमूद को पॉपुलैरिटी मिलने लगी। खुद महमूद साहब ने उन्हें अपनी बेटी के जन्मदिन में बुलाया था और वहां जाकर जूनियर महमूद ने अपनी कॉमेडी से सबको हंसाया और हम काले हैं तो क्या हुआ दिलवाले हैं..गाने पर कॉमेडी से भरा डांस किया। महमूद एक्टर का डांस देखकर इतने खुश हो गए कि उन्हें खुद जूनियर महमूद का टाइटल दे दिया।
200 से ज्यादा फिल्मों में किया काम
जूनियर महमूद ने अपने करियर में 200 से ज्यादा फिल्में की थीं। उनकी पहली फिल्म 1969 में आई थी, जिसका नाम सुहागरात था। उन्होंने हिंदी फिल्मों के अलावा मराठी फिल्मों में भी काम किया था और फिल्मों का निर्देशन भी किया था।