इंफाल। मणिपुर में कुकी और मैतेई समुदायों के बीच हिंसा जारी है। शनिवार को करीब 15 घरों को आग लगाकर उपद्रवियों ने फूंक दिया था। इसके अलावा 3 अगस्त को मोइरंग और नारानसेना थानों से हजारों की तादाद में हथियार और कारतूस लूटे गए थे। हालात और खराब होते देखकर अब केंद्र सरकार ने मणिपुर में केंद्रीय बलों की 10 और कंपनियां भेजी हैं। इनमें सीआरपीएफ की 5, बीएसएफ की 3, आईटीबीपी की 1 और एसएसबी जवानों की 1 कंपनी हैं। मणिपुर में पहले ही सीआरपीएफ की 52, आरएएफ की 10, बीएसएफ की 43, आईटीबीपी की 4 और एसएसबी की 5 कंपनियां तैनात हैं।
केंद्रीय बलों के अलावा मणिपुर में असम राइफल्स के जवान भी तैनात किए गए हैं, लेकिन इसके बाद भी वहां हिंसा की घटनाओं को रोका नहीं जा सका है। हिंसा को रोकने के लिए सुरक्षाबलों ने मैतेई और कुकी के इलाकों के बीच बफर जोन भी बनाया है, लेकिन दोनों ही समुदायों के उपद्रवी और आतंकवादी इस बफर जोन को पार कर एक-दूसरे के गांवों को निशाना बना रहे हैं। यहां तक कि राजधानी इंफाल के आसपास के इलाकों में भी मैतेई और कुकी के बीच हिंसा जारी है। इससे यहां आम लोगों के लिए हालात काफी मुश्किल भरे हो गए हैं।
मणिपुर में हिंसा की शुरुआत इस साल 3 मई को हुई थी। दरअसल, मणिपुर हाईकोर्ट ने मैतेई समुदाय को आरक्षण देने के लिए राज्य सरकार को केंद्र को चिट्ठी लिखने के लिए कहा था। इसके बाद ही कुकी समुदाय ने विरोध शुरू किया। इससे मैतेई के साथ कुकी का संघर्ष शुरू हुआ और देखते ही देखते हालात बिगड़ गए। इस दौरान दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर उनमें से एक से रेप भी हुआ। इसका वीडियो सामने आने के बाद मणिपुर में कुछ दिनों की शांति फिर खत्म हो गई और वहां हिंसा की घटनाओं ने फिर तूल पकड़ लिया।