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Sikkim Disaster: सिक्किम में ग्लेशियर फटने के बाद सेना के 14 जवान अब तक लापता, 56 लोगों की मौत की पुष्टि और हजारों लोग बेघर

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गंगटोक। सिक्किम में 4 अक्टूबर को उत्तरी इलाके में एक झील पर बना ग्लेशियर फटने की प्राकृतिक आपदा में अब तक 56 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। सेना के 14 जवान अब तक लापता हैं। सेना के 8 जवानों ने भी इस प्राकृतिक आपदा में जान गंवाई है। एक जवान को पहले बचा लिया गया था। सिक्किम में ग्लेशियर फटने से 4 जिलों पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है। इन जिलों में 40000 से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। सौ से ज्यादा राहत शिविर सरकार ने खोले हैं। जिनमें बेघर लोगों के रहने की व्यवस्था की गई है।

सिक्किम में ग्लेशियर फटने से हुई प्राकृतिक आपदा में जो लोग मारे गए, उनको उफनाई तीस्ता नदी अपने साथ बंगाल तक बहा ले गई। दो दर्जन से ज्यादा लोगों के शव बंगाल से मिले हैं। आपदा में अब भी 80 के करीब लोग लापता हैं। इनकी तलाश की जा रही है। ग्लेशियर फटने से तीस्ता नदी में सैलाब आया था। इसके अलावा जगह-जगह पहाड़ से मलबा और कीचड़ तेजी से नीचे आया। जिस वक्त ये प्राकृतिक आपदा हुई, उस समय रात थी। इस वजह से कीचड़, मलबे और तीस्ता नदी की भयानक लहरों से बचने का इनको मौका नहीं मिला।

सिक्किम में हुई इस आपदा ने 2013 के केदारनाथ आपदा की याद ताजा करा दी है। सिक्किम में एक बड़े बांध और 13 पुल तीस्ता की उफनाती लहरों में टूट गए हैं। इससे राज्य में कई जगह संपर्क टूटा है। राज्य सरकार को केंद्र की तरफ से मदद दी जा रही है। सीएम प्रेम सिंह तमांग ने इसके लिए केंद्र सरकार का आभार भी जताया है। फिलहाल राज्य में हालात सामान्य होने में अभी कुछ वक्त लगेगा। राहत और बचाव का काम भी यहां तेजी से किया जा रहा है। इसमें सेना और आईटीबीपी की टुकड़ियां भी लगी हैं।

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