नई दिल्ली। नीट यूजी परीक्षा 2024 और रिजल्ट को लेकर जारी विवाद के बीच आज सुप्रीम कोर्ट में फिर इस मामले की सुनवाई हुई। परीक्षा का आयोजन करने वाली संस्था एनटीए ने कोर्ट को बताया कि हम ग्रेस मार्क को रद्द कर रहे हैं इस तरह से अब 1563 छात्रों जिन्हें ग्रेस मार्क्स दिए गए थे, उनको दोबारा परीक्षा देनी होगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जो छात्र दोबारा परीक्षा नहीं देना चाहते उन्हें बिना ग्रेस मार्क्स के उनके ओरिजनल अंक दिए जाएंगे। परीक्षा 23 जून को आयोजित की जाएगी और 30 जून से पहले रिजल्ट घोषित कर दिया जाएगा। याचिकाकर्ताओं का आरोप था कि ग्रेस मार्क्स देने में अनियमितता बरती गई है, इसीलिए परीक्षा दोबारा आयोजित की जाए।
याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा, क्योंकि 30 जून तक रीएग्जाम का रिजल्ट आ जाएगा इसलिए 6 जुलाई को होने वाली काउंसलिंग पर कोई रोक लगाने की जरूरत नहीं है। हम इस पर रोक नहीं लगा रहे। कोर्ट ने विद्यार्थियों से कहा कि डरने की कोई बात नहीं है। पूरे एग्जाम को रद्द करना सही नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी करके 2 हफ्ते में जवाब मांगा है, अब अगली सुनवाई 8 जुलाई को होगी।
आपको बता दें कि नीट परीक्षा परिणाम को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर हैं। इन याचिकाओं को नीट अभ्यर्थियों द्वारा दायर किया गया है जिसमें उन्होंने परीक्षा पैटर्न को अनफेयर बताते हुए आरोप लगाया है कि परीक्षा से पहले प्रश्नपत्र लीक और हेराफेरी हुई, इसलिए इसे रद्द किया जाना चाहिए। साथ ही दूसरी याचिका में एक अभ्यर्थी ने परीक्षा के दौरान लॉस ऑफ टाइम की वजह से 1563 छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए जाने पर आपत्ति जताई है। वहीं परीक्षा परिणाम सामने आने के बाद फिजिक्स वाला के सीईओ अलख पांडे की ओर से भी एक याचिका दायर की गई है जिसमें कहा गया कि एनटीए का ग्रेस मार्क्स देने का फैसला मनमाना था।