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Kashmir में बंदूक की नोंक पर 2 सिख लड़कियों का कराया धर्मांतरण, हर मामले पर छाती पीटने वाले लिबरल गिरोह वाले इस मामले पर हैं चुप

नई दिल्ली। इन दिनोंं देश में धर्म परिवर्तन के रैकेट को लेकर रोज नई खबरें सामने आ रही हैं। ऐसे में अब जम्मू कश्मीर से भी धर्मांतरण का मुद्दा सामने आया है। फिलहाल कश्मीर से इस तरह के मामले अक्सर सामने आते रहे हैं, लेकिन ताजा मामला दो सिक्ख लड़कियों के धर्म परिवर्तन से जुड़ा हुआ है। बता दें कि श्रीनगर में दो सिख लड़कियों को बंदूक की नोक पर पहले किडनैप किया गया और फिर बाद में उनका निकाह उनके उम्र में काफी बड़े दूसरे धर्म के शख्स से करा दिया गया। अब इस मामले को लेकर शिरोमणि अकाली दल के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने श्रीनगर में विरोध प्रदर्शन किया। इस मामले को लेकर सिरसा ने जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से भी मुलाकात की। उन्होंने धर्मांतरण को लेकर उपराज्यपाल से अपनी चिंता व्यक्त की। जिसके बाद उप राज्यपाल ने अपनी तरफ से उन्हें भरोसा दिया कि जल्द उन लड़कियों की परिवार में वापसी कराई जाएगी। इस मामले के बाद सिख लड़कियों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं, इसी वजह से उप राज्यपाल से दखल की अपील की गई है।

वहीं सिरसा ने अपने विरोद प्रदर्शन में मांग की है, धर्म परिवर्तन के खिलाफ सख्त कानून बनाया जाय। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के चीफ सिरसा ने केंद्र सरकार से भी इस मामले में मदद करने की गुहार लगाई है। उन्होंने कहा कि इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को दखल देना चाहिए और सिख लड़कियों की सुरक्षा के लिए जल्द से जल्द एक कानून लाना चाहिए।

वहीं इसपर लेफ़्ट कबाल के सभी बड़े पत्रकार शांत है, पंजाब कांग्रेस व राष्ट्रीय कांग्रेस ने भी चुप्पी साधी हुई है। वहीं कश्मीर की घटना होने के कारण मुस्लिम लॉबी इस घटना को धार्मिक रूप देने से बचने के लिए कह रही ही।

आखिर इस मसले पर क्या हो सकता है नैरटिव :

– क्यूँ हिंदुओं को चुप किया जा रहा है? क्या इंसाँफ माँगना ग़लत है? इस खबर से हिंदू सिक्खों की एकता पर असर पड़ने की बात हो रही है.. क्या उनके रिश्तों की बुनियाद एक लड़की के साथ हो रही ज़बर्दस्ती पर चुप्पी साधने से मज़बूत होगी?

– हिंदुओं के आंतरिक से आंतरिक मामलों में उँगली करने वाले आज इस मामले को आपसदारी में सुलझाने की बातें क्यूँ कर रहे है?

– अगर हिंदू किसी मुसलमान की हत्या कर दे तो वो कम्यूनल वाययलेन्स होती है लेकिन मुसलमान कुछ ऐसा कार्य करे तो उसे धार्मिक चश्मे से क्यूँ नहीं देखने देते? ऐसा क्या बवाल हो जाता है कि हमारे देश के इस नंगे सच को झूठ से हर बार ढका जाता है?

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