नई दिल्ली। शिवसेना का नाम और पार्टी सिंबल एकनाथ शिंदे गुट को दिए जाने के बाद से उद्धव ठाकरे गुट के नेता भारतीय जनता पार्टी और इलेक्शन कमीशन पर लगातार हमलावर है। इसी क्रम में शिवसेना का नाम और चुनाव चिन्ह छीनने के बाद रविवार को उद्धव गुट के नेता व सांसद संजय राउत ने भाजपा और सीएम एकनाथ शिंदे पर निशाना साधते हुए बड़ा आरोप लगाया है। संजय राउत ने शिवसेना का नाम और सिंबल देने के लिए 2 हजार करोड़ की डील हुई है। वहीं उनके इस आरोपों के बाद महाराष्ट्र की सियासत में बवाल मच सकता है।
मुझे यकीन है…
चुनाव चिन्ह और नाम हासिल करने के लिए अब तक 2000 करोड़ के सौदे और लेन-देन हो चुके हैं…
यह प्रारंभिक आंकड़ा है और 100 फीसदी सच है..
जल्द ही कई बातों का खुलासा होगा.. देश के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ था.@ECISVEEP @PMOIndia pic.twitter.com/qokcT3LkBC— Sanjay Raut (@rautsanjay61) February 19, 2023
संजय राउत ने मीडिया ने बात करते हुए कहा, शिवसेना और उसका निशान (तीर-कमान) वो हम से चिह्न छीना गया है वो न्याय नहीं है वो सत्य नहीं है वो एक व्यापार हो गया खरीद लिया गया है। इस मामले में अब तक 2,000 करोड़ रुपए की लेनदेन हुई है, सिर्फ शिवसेना का नाम और चिन्ह छीनने के लिए। ये मेरा प्राथमिक अंदाज है। जिस आप लोग एफआईआर कहते हो फर्स्ट इंफॉर्मेशन रिपोर्ट। ये मेरा FIR है ये निर्णय खरीदा हुआ है। 6 महीने में 2,000 करोड़ लेने देने हो चुका है। सिर्फ चिन्ह और नाम के लिए।
आगे संजय राउत ने भाजपा पर वार करते हुए कहा, ”जो सरकार, नेता, बेईमान लोगों का गुट विधायक खरीदने के लिए 50-50 करोड़ का दम लगते है। सांसद खरीदने के लिए 100 करोड़ का बोली लगते है। हमारे पार्षद और शाखा प्रमुख खरदीने के लिए एक करोड़ का 50 लाख का दाम लगते है। वो नाम और चिन्ह खरीदने के लिए कितनी की बोली लगा सकते है। आप अंदाजा लगा सकते है मेरी जानकारी है 2 हजार करोड़।”
#WATCH शिवसेना और उसका निशान (तीर-कमान) चिह्न छीना गया है और ऐसा करने के लिए इस मामले में अब तक 2,000 करोड़ रुपए की लेनदेन हुई है: उद्धव ठाकरे गुट के नेता व सांसद संजय राउत, मुंबई pic.twitter.com/6hyQHLjMZr
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 19, 2023
गौरतलब है कि शुक्रवार को चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे गुट को बड़ा झटका देते हुए शिवेसना का नाम और पार्टी की सिंबल तीर-बाण एकनाथ शिंदे गुट को आवंटित कर दिया था। चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद एक तरफ जहां शिंदे खेमे और भाजपा में खुशी की लहर है। वहीं उद्धव गुट के नेता में नाराजगी है। बता दें कि अब इस मामले को लेकर उद्धव ठाकरे गुट ने सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया है।