नई दिल्ली। 5 अगस्त 2019, याद ही होगा आपको, इसी दिन जब केंद्र की मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 को हमेशा के लिए निरस्त कर दिया था, तो कैसे किसी ने सियासत की आड़ लेकर तो किसी ने संविधान की आड़ लेकर तो किसी ने मानवाधिकार की आड़ लेकर सरकार के इस फैसले के खिलाफ अपनी छाती पीटी थी। इस फैसले के खिलाफ किसी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, तो किसी ने सुप्रीम कोर्ट का। लेकिन हाथ में सभी के निराशा ही लगी। कोर्ट ने केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के फैसले को बरकरार रखा। केंद्र सरकार का दावा था कि घाटी में इस अनुच्छेद के निरस्त होने के बाद यहां औद्योगीकरण की बयार बहेगी। जिससे अनेकों लोगों को रोजगार मिलेगा और लगे हाथों आतंकवाद की भी कमर टूटेगी। उधर, कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों ने सरकार के इन दावों को सिरे से खारिज कर दिया था, लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्च होगा कि केंद्र सरकार अपने इन दावों पर खरी साबित हो रही है, क्योंकि उन दिनों सरकार द्वारा किए गए दावे अब वास्तविकता में तब्दील होते नजर आ रहे हैं।
घाटी में कैसे फलीभूत हुआ पर्यटन उद्योग?
दरअसल, सामने आए आंकड़ों के मुताबिक, घाटी में पर्यटक उद्योगों में नई रफ्तार देखने को मिल रही है। पहले घाटी की जिन गलियों में आतंकवादियों की गोलियां सुनाई दिया करती थीं, आज उन्हीं गलियों में लोग निर्भय होकर विचरण कर घाटी की सौंदर्यता को निहार रहे हैं। इन बातों की पुष्टि हम नहीं, बल्कि सामने आए आंकड़े खुद कर रहे हैं। आइए, जरा इन आंकड़ों पर नजर डालते हैं।
इन आंकड़ों पर डालिए एक नजर
जम्मू और कश्मीर ने 2022 में पर्यटकों की सबसे बड़ी आमद दर्ज की, जिसमें आधिकारिक आंकड़े पिछले साल 1.88 करोड़ दर्ज किए गए थे। हाल ही में बने केंद्र शासित प्रदेश में रिकॉर्ड तोड़ पर्यटन भारत की आजादी के 75 वर्षों में सबसे अधिक है। पहले के अनुमानों में पर्यटकों की संख्या लगभग 1.62 करोड़ आंकी गई थी, लेकिन ताजा आधिकारिक डेटा, जैसा कि AIR India द्वारा बताया गया है, इस आंकड़े को 2 करोड़ के करीब ले जाता है। विशेष रूप से, जम्मू-कश्मीर सरकार ने पर्यटन-केंद्रित जेबों और क्षेत्रों को विकसित करने और चिनाब और ज़ोजिला सुरंग में आगामी इंजीनियरिंग चमत्कार सहित ढांचागत परियोजनाओं को पुनर्जीवित करने के लिए एक मजबूत धक्का दिया है। शांति के साथ-साथ कई विकास परियोजनाओं के कारण इस क्षेत्र में पर्यटकों की भारी संख्या में आमद हुई है।
स्थानीय अर्थव्यस्था को मिली नई रफ्तार
वहीं, पर्यटन उद्योग में आए इस रफ्तार का असर स्थानीय अर्थव्यवस्था पर भी हो रहा है। वे सभी लोग जो पहले कभी भारी बेरोजगारी का शिकार थे, लेकिन पर्यटकों के आमद से इन लोगों को स्थानीय स्तर पर रोजगार मिल रहा है, जिसकी खुशी इनके चेहरे पर साफ देखने को मिल रही है। इसके अलावा माना जा रहा है कि अगर यह सिलसिला यूं ही चलता रहा तो आगामी दिनों में इसकी व्यापकता बढ़ेगी।
पहले की तुलना में अब क्या आया बदलाव
इसके अलावा अब यह जान लेना जरूरी हो जाता है कि आखिर पहले की तुलना में अब घाटी में क्या परिवर्तन आया है। तो आपको बता दें कि इससे पहले, कश्मीर के लिए कोई अंतर्राष्ट्रीय उड़ान संपर्क नहीं था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीनगर से शारजाह के लिए एक उड़ान शुरू की। इसने स्थानीय लोगों की लंबे समय से लंबित मांग को पूरा किया। हाल ही में, फिल्म निर्माताओं को फिल्म की शूटिंग के लिए घाटी और इसके सुरम्य स्थानों में वापस लाने के लिए एक व्यापक फिल्म नीति की घोषणा की गई थी। आंकड़ों के मुताबिक, फिल्मों और वेब-सीरीज के लिए 140 शूटिंग की अनुमति जारी की गई है। हाल ही में, श्रीनगर में खुलने वाले और दर्शकों से गुलजार रहने वाले एक थिएटर ने सुर्खियां बटोरीं। वहीं, आगामी दिनों में घाटी में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए मौजूदा सरकार प्रतिबद्ध है। उधर, जिस तरह से अभी-भी आतंकी गतिविधियां देखने को मिल रही हैं, उसका समूल विनाश करने के लिए केंद्र सरकार प्रतिबद्ध है। बहरहाल, अब आगामी दिनों में घाटी को विकसित करने की दिशा में सरकार की ओर से क्या कुछ कदम उठाए जाते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।