इंफाल। मणिपुर में कुकी आतंकियों ने हिंदू मैतेई समुदाय की 3 महिलाओं की हत्या कर उनके शव जिरी नदी में बहा दिए। इनके शव असम और मणिपुर की सीमा के जिरीमुख से मिले हैं। बीते दिनों ही कुकी आतंकियों ने मणिपुर के जिरीबाम से 3 मैतेई महिलाओं और 3 बच्चों को अगवा किया था। असम रायफल्स के जवानों ने सूचना मिलने पर जिरी नदी से महिलाओं के शव बरामद किए। इन महिलाओं का हुलिया उनके परिवार की तरफ से दिए विवरण से मेल खाते हैं। जिरीबाम के राहत कैंप पर हमला कर कुकी आतंकियों ने मैतेई महिलाओं को अगवा किया था। उस दौरान सीआरपीएफ से मुठभेड़ भी हुई थी। जिसमें 11 कुकी उग्रवादी मारे गए थे। अगवा किए 3 मैतेई बच्चों का अब तक पता नहीं चला है।
मणिपुर में हिंसा का दौर 3 मई 2023 से शुरू हुआ था। मणिपुर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को हिंदू मैतेई समुदाय को आरक्षण देने के बारे में विचार करने के लिए कहा था। इसका कुकी समुदाय ने विरोध किया। जिसके बाद मणिपुर में कुकी और मैतेई समुदाय के बीच संघर्ष शुरू हो गया। दोनों समुदायों के बीच संघर्ष की घटनाओं में अब तक कई लोग जान गंवा चुके हैं। वहीं, एक महिला को निर्वस्त्र कर घुमाने और कथित तौर पर रेप किए जाने की घटना भी हुई थी। कुकी उग्रवादी मणिपुर के पहाड़ी इलाकों में रहते हैं। बीते दिनों कुकी उग्रवादियों ने मैतेई समुदाय के गांव और एक मंदिर पर रॉकेट से भी हमला किया था। उस घटना में कई लोग घायल हुए थे और मंदिर के पुजारी की जान चली गई थी।
जिरीबाम में कुकी आतंकियों के हमले के बाद केंद्र सरकार ने मणिपुर के 6 इलाकों में फिर से अफस्पा AFSPA यानी आर्म्ड फोर्सेस स्पेशल पावर एक्ट लागू किया है। इसके अलावा तुरंत कदम उठाते हुए सीआरपीएफ और बीएसएफ के 2000 और जवानों को तैनात भी किया है। मणिपुर में हिंसा की शुरुआत होने के बाद केंद्रीय बलों की कई कंपनियों को पहले ही वहां तैनात किया गया था। इसके अलावा असम रायफल्स के जवानों की भी तैनाती की गई है। खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक कुकी आतंकियों को भारत विरोधी विदेशी ताकतों से समर्थन और हथियार मिल रहे हैं। कुकी उग्रवादियों ने मणिपुर में कई थानों पर हमला कर हथियार भी लूटे थे।