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Haldwani Arson: हल्द्वानी की हिंसा में मृतकों की संख्या बढ़कर 5 हुई, बनभूलपुरा में कर्फ्यू जारी; कुमाऊं मंडल के आयुक्त करेंगे घटना की मजिस्ट्रेट जांच

Haldwani Arson: नैनीताल की डीएम वंदना ने मीडिया से बात करते हुए बताया था कि हल्द्वानी में हिंसा करने की साजिश पहले से रची गई थी। कई महिला पुलिसवालों ने मीडिया के कैमरे में बताया था कि जब वो पथराव के दौरान एक मकान में बचने के लिए गईं, तो बाहर से आग लगाने की कोशिश उपद्रवियों ने की थी।

हल्द्वानी। उत्तराखंड के हिंसाग्रस्त हल्द्वानी में हालात काबू में हैं। यहां गुरुवार को एक कथित धार्मिक स्थल तोड़े जाने के बाद हिंसा भड़क गई थी। हिंसा में मरने वालों की संख्या 5 हो गई है। 3 लोग गंभीर रूप से घायल हैं। उत्तराखंड सरकार ने कुमाऊं मंडल के आयुक्त को इस घटना की मजिस्ट्रेट जांच का जिम्मा सौंपा है और 15 दिन में रिपोर्ट मांगी है।

हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाके में उग्र भीड़ ने थाने को आग लगा दी थी। इसके अलावा कई गाड़ियों को भी फूंक दिया था। जमकर पथराव किया गया था और भीड़ की तरफ से फायरिंग किए जाने का भी आरोप है। हल्द्वानी पुलिस ने इस मामले में 3 एफआईआर दर्ज की हैं। इनमें 16 लोग नामजद भी हैं। पुलिस लगातार हिंसा करने वालों को गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी कर रही है। हल्द्वानी में अब सिर्फ बनभूलपुरा इलाके में ही कर्फ्यू लगा है। बाहरी इलाकों से कर्फ्यू हटा लिया गया है। हालांकि, माहौल को फिर बिगड़ने से रोकने के लिए बड़ी तादाद में पुलिसबल को हल्द्वानी में लगाया गया है।

उत्तराखंड के एडीजी कानून और व्यवस्था अंशुमान के मुताबिक हल्द्वानी की हिंसा में तमाम पुलिसकर्मियों को भी चोटें लगी हैं। पहले जानकारी मिली थी कि एक समुदाय विशेष की हिंसा में 100 से ज्यादा पुलिसकर्मी चोटिल हुए थे। खुद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को हल्द्वानी जाकर घायल पुलिसकर्मियों और लोगों का हालचाल पूछा था। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने एलान किया है कि हिंसा करने वाले किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। वहीं, डीजीपी ने सभी उपद्रवियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून यानी एनएसए के तहत कार्रवाई किए जाने की बात कही थी। सूत्रों के मुताबिक उत्तराखंड सरकार और पुलिस अब उपद्रवियों को हर हाल में सख्त सजा दिलाए जाने की तैयारी कर रही हैं।

हल्द्वानी में उपद्रवियों ने बड़े पैमाने पर हिंसा और आगजनी की थी।

हिंसा के दूसरे दिन नैनीताल की डीएम वंदना ने मीडिया से बात करते हुए बताया था कि हल्द्वानी में हिंसा करने की साजिश पहले से रची गई थी। डीएम ने बताया था कि कथित धार्मिक स्थल जिसे कुछ लोग इबादतगाह और कुछ लोग मदरसा कहते हैं का भी कोई पंजीकरण नहीं था। डीएम के मुताबिक पुलिसवालों को जलाकर मारने की साजिश भी रची गई थी। कई महिला पुलिसवालों ने मीडिया के कैमरे में बताया था कि जब वो पथराव के दौरान एक मकान में बचने के लिए गईं, तो बाहर से आग लगाने की कोशिश उपद्रवियों ने की थी। सवाल हालांकि ये उठ रहा है कि हल्द्वानी के बनभूलपुरा में हिंसा की इतनी बड़ी साजिश रची गई और घरों में उपद्रवियों ने ईंट और पत्थर इकट्ठा किए, तो पुलिस को इसकी जानकारी आखिर कैसे नहीं हुई?

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