News Room Post

भोपाल गैस त्रासदी की जंग जीतने वाले 5 लोग कोरोना से हारे

corona

भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कोरोनावायरस के संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा गैस पीड़ितों पर मंडरा रहा है और अब तक राजधानी में जिन पांच लोगों की मौत हुई है। वे सभी गैस पीड़ित थे। यह दावा किया है भोपाल ग्रुप फॉर इंफॉर्मेशन एंड एक्शन की रचना ढींगरा ने। राज्य में इंदौर के बाद भोपाल ही कोरोनावायरस से सबसे ज्यादा संक्रमित जिला है। यहां बीमारों की संख्या 158 है और अब तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है। भोपाल ग्रुप फॉर इन्फर्मेशन एंड एक्शन’ की सदस्य रचना ढींगरा ने बुधवार को आईएएनएस से चर्चा करते हुए दावा किया कि जो पांच लोग कोरोना के चलते मरे हैं वे सभी गैस पीड़ित हैं। उन्होंने आशंका जताई है कि अगर समय रहते गैस पीड़ितों पर ध्यान नहीं दिया गया तो यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है।

ढींगरा का आरोप है कि भोपाल गैस पीड़ितों के लिए बने भोपाल मेमोरियल हस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (बीएमएचआरसी) को राज्य सरकार ने राज्य स्तरीय नोवल कोरोनावायरस (कोविड-19) उपचार संस्थान के रूप में चिन्हित किया है, जिससे इस अस्पताल में केवल कोविड-19 के मरीजों का ही उपचार हो रहा है। इस वजह से गैस पीड़ितों को परेशानी के दौर से गुजरना पड़ रहा है।

वे कहती है कि राजधानी में बड़ी संख्या में गैस पीड़ित ऐसे है जो फेंफड़े, हृदय और गुर्दे की बीमारी से पीड़ित हैं। यही कारण है कि 21 मार्च को गैस पीड़ितों के संगठनों ने राज्य एवं केंद्र सरकार को पत्र लिखकर आगाह किया था। साथ ही यह आशंका जताई थी कि कोरोना वायरस का संक्रमण गैस पीड़ितों पर अन्य की तुलना में पांच गुना ज्यादा हो सकता है।

ज्ञात हो कि दो-तीन दिसंबर 1984 की रात को यूनियन कार्बाइड संयंत्र से रिसी जहरीली गैस मिक ने राजधानी में जमकर तबाही मचाई थी। उसके पीड़ित अब भी है, उनके इलाज के लिए बनाए गए बीमएएचआरसी को कोविड-19 अस्पताल में बदल दिया गया है। इससे गैस पीड़ितों का इलाज नहीं हो पा रहा है।

Exit mobile version