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Uttar Pradesh: बाल सेवा योजना से 6000 बच्‍चे हुए लाभान्वित

Uttar Pradesh: इस योजना के तहत गरीब तबकों के एकल, दिव्यांग अभिभावकों और अनाथ बेसहारा बच्चों को प्रतिमाह दो हजार रुपए देने का प्रावधान है। जिला स्तर पर जिला प्रोबेशन अधिकारी डीपीओ, डीसीपीयू और बाल कल्याण समिति ग्राम पंचायत, ब्लॉक स्तर से आने वाले आवेदनों को स्वीकृत कर छह माह के भीतर बच्चों तक राशि पहुंचा रही है।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से कोरोना काल (मार्च 2020 से) में अपने माता-पिता या दोनों में से किसी एक को खोने वाले बच्चों के लिए शुरू की गई बाल सेवा योजना से अब तक 6000 बच्चों को लाभ मिल चुका है। सरकार की ओर से मिली जानकारी के अनुसार महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से 2000 अन्य नए बच्चों को भी चयनित किया जा चुका है, जिनको इस माह किस्त दी जाएगी। बता दें कि विभाग में बाल सेवा योजना सामान्य के लिए भी आवेदन आने शुरू हो गए हैं। इसके अलावा यूपी में गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन कर रहे लोगों के बच्चों के सम्मान, स्वावलंबन और सुरक्षा देने के लिए शुरू की गई स्पान्सरशिप योजना से यूपी के हजारों बच्चों को सीधा लाभ मिल रहा है।

इस योजना के तहत गरीब तबकों के एकल, दिव्यांग अभिभावकों और अनाथ बेसहारा बच्चों को प्रतिमाह दो हजार रुपए देने का प्रावधान है। जिला स्तर पर जिला प्रोबेशन अधिकारी डीपीओ, डीसीपीयू और बाल कल्याण समिति ग्राम पंचायत, ब्लॉक स्तर से आने वाले आवेदनों को स्वीकृत कर छह माह के भीतर बच्चों तक राशि पहुंचा रही है। इस योजना के तहत प्रदेश के अलग अलग जनपदों में 1026 बच्चों को इस योजना से लाभ दिलाया जा चुका है।

बाल श्रमिक विद्या योजना से खिली बच्‍चों के चेहरों पर मुस्‍कान

प्रदेश के जरूरतमंद परिवारों के बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए बाल श्रमिक विद्या योजना से जोड़ा जा रहा है। इस योजना से एक ओर बच्चों के अभिभावकों की काउंसलिंग कर उनको अपने बच्चों को शिक्षा के क्षेत्र में बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर इन सभी बच्चों का दाखिला प्राथमिक विद्यालयों में कराए जाने से बचपन संवर रहा है।

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