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Amarinder Singh B’Day: 80 के कैप्टन अमरिंदर सिंह, जानिए उनकी जिंदगी की दास्तां और सियासी सफर

amrinder and rahul

नई दिल्ली। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह आज अपना 80वां जन्मदिन मना रहे हैं। उनका जन्म 11 मार्च 1942 को तत्कालीन पटियाला रियासत के शाही परिवार में हुआ था। कैप्टन का जन्म महाराजा यादवेंद्र सिंह और पटियाला की महारानी मोहिंदर कौर के घर हुआ जो सिद्धू बराड़ के फुल्किया वंश से ताल्लुक रखते थे। भारतीय राजनीति के ये दिग्गज नेता भारतीय आर्मी में बतौर कमीशंड ऑफिसर अपनी सेवा भी दे चुके हैं। उन्होंने 1963 से 1966 तक इंडियन आर्मी के लिए काम किया। कैप्‍टन दो बार पंजाब के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। पहले, 2002 से 2007 तक पंजाब के मुख्यमंत्री रहे। इसके बाद 2017 मार्च से 18 सितंबर 2021 तक दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे। 1980 में उन्होंने पहली बार लोकसभा सीट जीती। उनकी स्कूली शिक्षा वेलहम बॉयज़ स्कूल और लॉरेंस स्कूल सनवार, द दून स्कूल, देहरादून से हुई थी। राष्‍ट्रीय रक्षा अकादमी और इंडियन मिलिट्री अकैडमी से ग्रेचुएशन करने के बाद साल 1963 में वे भारतीय सेना में शामिल हो गए। 1965 में भारत-पाकिस्‍तान युद्ध के दौरान कैप्टन ने कप्‍तान के रूप में अपनी सेवाएं दीं और 1965 में इस्‍तीफा देने तक सेना में शामिल रहे। वो सिख रेजिमेंट का हिस्‍सा थे।  उनकी पत्नी, प्रणीत कौर भी एक पॉलिटिशियन हैं। वो 2009 से 2014 तक सांसद और विदेश मंत्रालय में राज्य मंत्री भी रहीं। अमरिंदर सिंह के एक बेटे और एक बेटी हैं।

बता दें, अमरिंदर सिंह एक लेखक भी हैं। युद्ध और सिख इतिहास पर लिखी उनकी कई किताबें भी प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनमें ‘ए रिज टू फार’, ‘लेस्ट वी फोर्गेट’, ‘द लास्ट सनसेट: राइज एंड फॉल ऑफ लाहौर दरबार” और “द सिख इन ब्रिटेन: 150 साल की तस्वीरें” शामिल हैं। इसके अलावा उन्होंने इंडियाज़ मिलिट्री कॉन्‍ट्रीब्यूशन टू दि ग्रेट वॉर 1914 टू 1918, दि मॉनसून वॉर: यंग ऑफीसर्स रीमिनाइस 1965 इंडिया-पाकिस्‍तान वॉर भी लिखी, जिसमें 1965 भारत-पाक युद्ध से जुड़ी उनकी यादें शामिल हैं। लेखन के अलावा कैप्टन पोलो, राइडिंग, क्रिकेट, स्क्वैश और बैडमिंटन जैसे खेलों के भी शौकीन रहे हैं। उनके राजनैतिक जीवन की बात करें तो पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी उन्हें कांग्रेस में लेकर आए थे। साल 1980 में वे पहली बार लोकसभा के लिए चुने गए थे। बाद में ऑपरेशन ब्लू स्टार के विरोध में उन्होंने सांसद पद से इस्तीफा दे दिया था और कांग्रेस पार्टी का साथ छोड़ दिया था।

साल 1998 में कैप्टन अमरिंदर सिंह को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया। उनके नेतृत्व में पार्टी 2002 में विधानसभा चुनाव जीती। इसके बाद वो मुख्यमंत्री बने 2007 में विधानसभा चुनाव हारने के बाद, 2017 में पंजाब में फिर से उन्होंने शानदार  जीत दर्ज की। 20 सिंतबर 2021 को कांग्रेस पार्टी ने कैप्टन के हाथों पंजाब की सत्ता लेकर दलित नेता चरणजीत सिंह चन्नी को सौंप दी। इसके बाद उऩ्होंने पंजाब लोक दल नाम से अपनी पार्टी का गठन किया और बीजेपी के साथ गठबंधन करके चुनावी मैदान में उतरे। कल यानी 10 मार्च को विधानसभा चुनाव में उन्हें फिर से हार का सामना करना पड़ा।

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