News Room Post

Patna High Court : तलाक के बाद भी भरण पोषण की मांग कर सकती है महिला, यह उसका अधिकार, पटना हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण आदेश

Patna High Court : अदालत ने अपने आदेश में यह भी स्पष्ट किया कि आय और संपत्ति का आकलन पारिवार न्यायालय के द्वारा किए बिना स्थायी भरण-पोषण तय करने की प्रक्रिया कानून के विरुद्ध है। रूही शर्मा बनाम विनय कुमार शर्मा तलाक याचिका से संबंधित मामले में पटना हाईकोर्ट ने यह फैसला सुनाया।

नई दिल्ली। तलाक के एक मामले में सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट जज ने कहा है कि तलाक के बाद भी महिला अपने पूर्व पति से भरण-पोषण की मांग कर सकती है, और यह उसका अधिकार है। अदालत ने अपने आदेश में यह भी स्पष्ट किया कि आय और संपत्ति का आकलन पारिवार न्यायालय के द्वारा किए बिना स्थायी भरण-पोषण तय करने की प्रक्रिया कानून के विरुद्ध है। रूही शर्मा बनाम विनय कुमार शर्मा तलाक याचिका से संबंधित मामले में पटना हाईकोर्ट ने यह फैसला सुनाया। इस मामले में भागलपुर की फैमिली कोर्ट ने तलाक के साथ 15 लाख रुपये की स्थायी भरण-पोषण राशि निर्धारित की थी।

भागलपुर फैमिली कोर्ट के निर्णय के विरुद्ध महिला के पति विनय कुमार शर्मा ने पटना हाई कोर्ट में अपील दायर की थी। कोर्ट में जो जानकारी दी गई उसके मुताबिक 29 जनवरी 2016 को विनय कुमार शर्मा का विवाह रूही के साथ हुआ था। आरोप है कि शादी के बाद महिला का शारीरिक और मानसिक तौर पर उत्पीड़न किया गया। उस पर यह दबाव बनाया गया कि वो अपने घर वालों से दहेज के लिए कहे। महिला ने यह भी आरोप लगाया कि पति ने उसके साथ जबरन अप्राकृतिक यौन संबंध बनाए। इस प्रकार के शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न से तंग आकर रूही ने 13 जून 2016 को अपना ससुराल छोड़ दिया और मायके आ गई। इसके बाद उसने अपने पति विनय के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कराया।

परिवार न्यायालय ने इसे क्रूरता का मामला मानते हुए तलाक को मंजूर कर लिया। साथ ही पति को 15 लाख रुपये की स्थायी भरण-पोषण राशि चुकाने का आदेश दिया। अब हाईकोर्ट के न्यायाधीश पीबी बजनथ्री और न्यायाधीश एसबीपी सिंह की बेंच ने भरण-पोषण की राशि फिर से निर्धारित करने के लिए मामले को पारिवारिक न्यायालय, भागलपुर के पास दोबारा भेज दिया है। हाईकोर्ट ने तीन महीने के अंदर प्रक्रिया पूरी करने  का फैमिली कोर्ट को निर्देश दिया है।

 

Exit mobile version