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UP और उत्तराखंड में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर आया बड़ा सर्वे, जानिए कहां किसकी बनेगी सरकार

yogi akhilesh maya sonia

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश समेत 5 राज्यों में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने है। भाजपा, कांग्रेस समेत सभी दलों ने चुनाव को लेकर कमर कस ली है। ऐसे में सभी दल जनता का वोट अपने पक्ष में करने की कोशिश में लग गए हैं। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में किस पार्टी का परचम लहराएगा का इससे का पता  जल्द ही लग जाएगा। इस बीच एबीपी सी-वोटर ने यूपी समेत 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा में जनता की मूड भांपने की कोशिश की है। सर्वे से यह जानने की कोशिश की गई है कि इस बार जनता किसकी सरकार बनाने के पक्ष में है।

बात करते है देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश की तो यहां एक बार फिर योगी आदित्यनाथ का डंका बजते दिख रहा है। राज्य में एक बार फिर भाजपा की सरकार बनते दिख रही है। वहीं सपा, बसपा, कांग्रेस का सूपडा साफ होता नजर आ रहा है। एबीपी -C Voter सर्वे के मुताबिक, भाजपा को 213-221 सीटें मिलने का अनुमान है, जबकि समाजवादी पार्टी को 152-160 सीटें मिलते दिख रही है। इसके अलावा बसपा को 16-20 और कांग्रेस को 6-10 सीटों मिलने का अनुमान जताया है।

उत्तराखंड-

बात करते है उत्तराखंड की तो, एबीवीपी सी वोटर से साफ है कि इस बार वर्षों से चली आ रहे पहाड़ी राज्य की चुनावी परंपरा धराशायी होने जा रही है, जिसमें पांच साल कांग्रेस तो पांच साल बीजेपी का चलन रहा है, क्योंकि सर्वे से साफ हो रहा है कि इस बार फिर से उत्तराखंड में बीजेपी का विजयी पताका फहराने जा रहा है। वर्षों पुराने चले आ रहे चलन को धराशायी करते हुए बीजेपी द्वारा उत्तराखंड सरकार बनानी यकीनन काफी हैरतअंगेज होगा। आइए, जानते हैं कि प्रदेश में किस दल के खाते में कितनी सीटें आएंगी।

यहां देखिए आंकड़े

सर्वे के मुताबिक, बीजेपी के पक्ष में 45 फीसद वोट जाने की बात कही गई है। कांग्रेस के पक्ष में 34 फीसद वोट जाने की बात कही गई है। आम आदमी पार्टी के खाते में 15 फीसद वोट जाने की बातें कही गई है। वहीं, अन्य को 6 फीसद वोट जाने की बात कही गई है। ऐसे में सर्वे से साफ है कि एक बार फिर से प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनने जा रही है। बता दें कि बीजेपी ने बीते दिनों प्रदेश में अपने सियासी गणित को दुरूस्त रखने के लिए दो मर्तबा सीएम को बदला था। उस वक्त बताया गया था कि बीजेपी ने यह फैसला अपने दूरदर्शी नतीजे को ध्यान में रखते हुए लिया है। अब ऐसे में ये दोनों ही बातें देखने लायक होगी की सर्वे में बताया गई बात कितनी सच साबित होती और बीजेपी द्वारा इस्तेमाल किया गया दांव कितना सफल साबित होता है। यह दोनों ही प्रश्न भविष्य के गर्भ में छुपी हुई है।

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