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Patanjali Ayurved: पतंजलि आयुर्वेद के भ्रामक विज्ञापन मामले में बाबा रामदेव के सहयोगी आचार्य बालकृष्ण ने सुप्रीम कोर्ट से मांगी माफी, जाने-अनजाने छपने की दी दलील

नई दिल्ली। पतंजलि आयुर्वेद के भ्रामक विज्ञापन छापने के मामले में योगगुरु बाबा रामदेव के सहयोगी आचार्य बालकृष्ण ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दिया है। आचार्य बालकृष्ण ने सुप्रीम कोर्ट से बिना शर्त माफी मांगी है। आचार्य बालकृष्ण ने कहा है कि आगे से पतंजलि आयुर्वेद इस तरह के विज्ञापन नहीं छापेगा। उन्होंने ये भी कहा कि ऐसे विज्ञापन जाने-अनजाने छप गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को कोर्ट की अवमानना के मामले में 2 अप्रैल को तलब किया था।

दरअसल, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी थी। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने पतंजलि आयुर्वेद की तरफ से विज्ञापन देकर गंभीर रोगों का इलाज करने के दावे पर सवाल उठाया था। इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद से विज्ञापन न छापने का आदेश दिया था। इसके बाद भी पतंजलि आयुर्वेद के विज्ञापन छपे। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई थी। सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को अवमानना का नोटिस भेजा था। जिसका दोनों ने जवाब भी नहीं दिया। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिनों उनको नोटिस जारी कर पेश होने के लिए कहा था।

सुप्रीम कोर्ट में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की अर्जी पर बाबा रामदेव ने पहले कहा था कि अगर उन्होंने गलत काम किया है, तो फांसी चढ़ने के लिए भी तैयार हैं। बाबा रामदेव का कहना था कि कोर्ट अगर गलत पाए, तो हजारों करोड़ का जुर्माना लगा दे। अब जबकि सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए उनको और आचार्य बालकृष्ण को पेश होने के लिए कहा, तो देश की सबसे बड़ी अदालत से आचार्य बालकृष्ण ने माफ करने की अपील की है। अब देखना है कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में अवमानना की कार्यवाही आगे बढ़ाता है या भ्रामक विज्ञापन मामले में माफ करता है।

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