News Room Post

Gautam Adani : देश के 22 राज्यों में फैला है अडानी ग्रुप का बिजनेस, हर जगह BJP की सरकार तो नहीं है; गौतम अड़ानी से सवाल-जवाब

नई दिल्ली। मौजूदा समय में दुनिया के तीसरे सबसे अमीर सख्शियत भारतीय उद्योगपति गौतम अड़ानी किसी परिचय के मोहताज नहीं है। हाल ही में गौतम अडानी ने न्यूज चैनल इंडिया टीवी के इंटरव्यू में कई सारे अहम सवालों के जवाब दिए। उन्होंने कहा कि उनके कारोबार के फलने-फूलने के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से करीबी रिश्ते के होने की बात सही नहीं है। आप देख सकते हैं कि कई विपक्ष-शासित राज्यों में भी हमारा कारोबार चल रहा है। अडानी ने कहा, ‘हर राज्य में अधिकतम निवेश करना हमारा मकसद है। हमें इस बात की खुशी है कि देश के 22 राज्यों में अडानी ग्रुप काम कर रहा है और इन सभी राज्यों में भाजपा की ही सरकार नहीं है।’

इसके साथ ही अरबपति कारोबारी गौतम अडानी ने ये भी साफ शब्दों में कहा कि, ‘आप देखिए कि केरल में वाममोर्चा सरकार के साथ हम काम कर रहे हैं, बंगाल में ममता दीदी के साथ भी काम जारी है, नवीन पटनायक जी के साथ भी काम हो रहा है, जगनमोहन रेड्डी, केसीआर… यानि हर जगह ही जहां क्षेत्रीय पार्टियों की सरकारें हैं, हम वहां भी काम कर रहे हैं। मैं आज यह दावे के साथ कहता हूं कि इनमें से किसी भी सरकार से हमें कोई तकलीफ नहीं हुई है।’ ‘मेरी सफलता का रहस्य कड़ी मेहनत’ इंटरव्यू में अडानी ने कहा कि मेरी सफलता का रहस्य कड़ी मेहनत है। मेरा कारोबार कांग्रेस की राजीव गांधी सरकार के युग में आगे बढ़ा था और आज 22 राज्यों तक फैल चुका है। यह कहना चाहूंगा कि बिजनेस और प्रैक्टिकल लाइफ में केवल एक फॉर्मूला काम करता है, वो है… मेहनत, मेहनत और बेहद कड़ी मेहनत। इसके अलावा गौतम अड़ानी ने रजत।शर्मा के तीखे सवालों के मुस्कुराकर जवाब देते हुए कहा कि, “मैं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निमंत्रण पर राजस्थान इन्वेस्टर्स समिट में भी गया था। बाद में राहुल (गांधी) ने भी राजस्थान में हमारे निवेश की तारीफ की थी। मैं यह जानता हूं कि राहुल की नीतियां विकास विरोधी बिल्कुल भी नहीं हैं।”

वहीं जब शो के होस्ट रजत शर्मा ने पीएम मोदी के बारे में गौतम अड़ानी पे सवाल दागे तो बेहद साढ़े हुए लहजे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जिक्र करते हुए गौतम अडानी ने कहा, ‘मैं बताना चाहूंगा कि मोदी जी से आप कोई व्यक्तिगत सहायता नहीं ले सकते हैं। आप उनसे नीतियों को लेकर बात कर सकते हैं। आप उनसे देश के हित पर भी चर्चा कर सकते हैं, लेकिन जो नीति बनती है वह सबके लिए होती है, अकेले अडानी ग्रुप के लिए नहीं। मेरे आलोचक पीएम मोदी के साथ मेरे रिश्ते पर सवाल खड़े करते हैं, मगर वे भूल जाते हैं कि मेरा सफर करीब चार दशक पहले शुरू हुआ। उस वक्त तो कांग्रेस सत्ता में हुआ करती थी।’ ‘

Exit mobile version