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Congress: चुनावी हार के बाद कांग्रेस में तूफान, आपस में ही भिड़ रहे हैं नेता, अब अधीर रंजन ने सिब्बल की लगाई क्लास

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश समेत पांचों राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त झेलने के बाद देश की सबसे पुरानी कांग्रेस की दुर्गति अब अपने चरम पर पहुंच चकी है। ले देकर पंजाब में सरकार थी, वहां से भी कांग्रेस का पत्ता साफ हो गया है। ऐसी स्थिति में अब आप ही बताइए कि कांग्रेस के प्रबुद्ध नेताओं का क्या कर्तव्य होना चाहिए। बिल्कुल सही सोच रहे हैं आप। उन्हें अपनी हार पर विवेचना कर अपनी खामियों को दुरूस्त करने की दिशा में खाका तैयार कर उसे धरातल पर उतारने काम करना चाहिए। लेकिन नहीं…शायद कांग्रेसी नेताओं को अपनी हार पर विवेचना करने में कोई दिलचस्पी नहीं है। उन्हें तो पारस्परिक वाकयुद्ध में दिलचस्पी है। उन्हें वार-प्रतिवार करना अच्छा लगता है। उन्हें एक-दूसरे पर छींटाकाशी कर एक दूसरे को सवालिया कठघरे में खड़ा करना अच्छा लगता है। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर हम ऐसा क्यों कह रहे हैं, तो ऐसा हम कांग्रेसी नेताओं द्वारा दिए गए हालिया बयानों पर गहन विवेचना करने के उपरांत कह रह रहे हैं। आइए, हम आपको तफसील से बताते हैं कि पूरा माजरा क्या है।

तो माजरा कांग्रेस की हार से जुड़ा हुआ है। चुनावी सूबों में कांग्रेस की हुई दुर्गति के बाद कांग्रेसी नेताओं की तरफ से प्रतिक्रियाओं का सिलसिला शुरू हो चुका है। इस बीच विगत मंगलवार को पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कांग्रेस की हार पर मीडिया से मुखातिब होने के क्रम में ‘देश की कांग्रेस को घर की कांग्रेस कहकर नेतृत्व परिवर्तन पर बल दिया था। लेकिन शयाद उनकी यह बात कांग्रेसी नेताओं को गवारा नहीं लगी और उन्होंने सिब्बल पर तीखे अल्फाजों की बाण छोड़ना शुरू कर दिया। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से लेकर बंगाल के कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी तक ने उन पर हमला बोलना शुरू कर दिया। आइए, आपको पहले बताते हैं कि अधीर रंजन चौधरी ने क्या कुछ कहा। इसके बाद हम आपको कांग्रेस के अन्य नेताओं के तीखे बयानों से रूबरू कराएंगे।

सिब्बल पर ऐसा क्या बोल गए अधीर रंजन चौधरी

सिब्बल पर निशाना साधते हुए अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि अब ये कपिल सिब्बल कहां के नेता हैं, मुझे नहीं पता है, लेकिन मैं एक बात जानता हूं कि उन्होंने कांग्रेस में रहते हुए खूब तरक्की की है। अब ये और बात है कि वे इस बात को स्वीकार करने से गुरेज करते हों। अधीर रंजन ने कपिल सिब्बल पर तंज कसते हुए कहा कि जब वे यूपीए सरकार में मंत्री थे, तो कांग्रेस अच्छी थी, लेकिन अब वे मंत्री नहीं हैं, तो कांग्रेस अच्छी नहीं रह गई है। आखिर ये दोहरा मापदंड क्यों अपनाया जा रहा है। अधीर रंजन ने आगे कहा कि मुझे नहीं पता है कि कपिल सिब्बल का जनाधार क्या है और उनकी पार्टी से क्या अपेक्षाएं हैं। उन्होंने कहा कि कपिल सिब्बल को उदारहण पेश करना चाहिए कि वे पार्टी के बिना कुछ भी नहीं हासिल कर सकते हैं।

यही नहीं, सिब्बल ने तो यहां तक कहने से भी गुरेज नहीं किया कि अगर उनमे दम है, तो अपने दम पर लड़कर दिखाए। वहीं, अधीर रंजन ने ये भी कहा कि बेशक वे अच्छे वकील होंगे, लेकिन वे एक अच्छे नेता नहीं हैं। मुश्किल के समय में उन्होंने अपना सुर बदल दिया है। बता दें कि इससे पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी कपिल सिब्बल पर उनके बयान को लेकर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि न महज कांग्रेस, बल्कि पूरा देश चाहता है कि कांग्रेस की अगुवाई गांधी परिवार ही करें, चूंकि बीजेपी की विभाजनकारी विचारधाराओं के खिलाफ गांधी परिवार ही लोहा से सकती है, जिससे बीजेपी भलीभांति परिचित है, लिहाजा बीजेपी कांग्रेस को गांधी परिवार की छत्रछाया से दूर करना चाहती है।

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