नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव के बाद अब आगामी विधानसभा चुनाव में मेघालय में भाजपा सभी 60 सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी। इसके बाद माना जा रहा है कि त्रिपुरा में भी भाजपा ‘एकला चलो’ की नीति पर चलेगी। पार्टी के वरिष्ठ नेता यह मानकर चल रहे हैं, क्योंकि मेघालय की अपेक्षा त्रिपुरा में पार्टी का जनाधार बढ़ा है। डबल इंजन की सरकार होने के कारण वहां पर विकास के काम तेजी से हो रहे हैं। लगातार वहां पर विकास कार्यों को बढ़ावा दिया जा रहा है। वहीं दूसर तरफ महाराष्ट्र और बिहार से सबक लेते हुए, इस बार पार्टी अपने ही दम पर चुनाव लडने का मन बना रही है।
वहीं इस बारे में राजनीतिक रणनीतिकारों का मानना, कि पार्टी को खुद का जनाधार मजबूत बनाने की जरूरत है। पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि दूसरी पार्टियों का सहारा खोजने की बजाय अपना जनाधार मजबूत बनाएं और खुद के दम पर चुनाव लड़ें। कुछ समय पहले पार्टी महासचिव बीएल संतोष ने त्रिपुरा का दौरा किया था और उन्होंने भी इसी तरह के संकेत दिए थे। हालांकि, त्रिपुरा के नवनियुक्त भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राजीव भट्टाचार्जी ने कहा, पार्टी आईपीएफटी के साथ अपने मौजूदा गठबंधन को जारी रखेगा या नहीं इस पर अंतिम फैसला पार्टी आलाकमान करेगा।