नई दिल्ली। बीते दिनों तमिलनाडु के बिजली और आबकारी मंत्री वी सेंथिल बालाजी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार कर लिया था। ED ने ये गिरफ्तारी मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में की थी। सेंथिल बालाजी पर आरोप हैं कि उन्होंने परिवहन विभाग में नौकरियों दिलाने के लिए लोगों से नगदी ली। गिरफ्तारी के बाद सेंथिल बालाजी के कई वीडियोज सामने आए जिसमें वो रोते-बिलखते दिखें। बिजली और आबकारी मंत्री वी सेंथिल बालाजी की गिरफ्तारी के बीच अब तमिलनाडु में केंद्रीय जांच एजेंसी की एंट्री बैन हो गई है। ऐसे में अब केंद्रीय जांच एजेंसी बिना राज्य सरकार की अनुमति के तमिलनाडु में कोई मामले की जांच नहीं कर पाएंगी। चलिए अब आपको बताते हैं तमिलनाडु से पहले और कौन से राज्यों में केंद्रीय जांच एजेंसी की एंट्री बैन है साथ ही जानेंगे कि राज्यों में केंद्रीय एजेंसियों के लिए क्या नियम हैं…
इन राज्यों में पहले से ही बैन है सीबीआई की एंट्री
तमिलनाडु में सीबीआई की एंट्री पर रोक लग गई है। इस रोक के साथ ही तमिलनाडु ऐसा 10वां राज्य बन गया है जहां पर सीबीआई अपनी मर्जी से न तो जांच कर पाएगी और न ही केस दर्ज करेगी। बात करें उन राज्यों की जहां पहले से ही सीबीआई की एंट्री बैन है तो उन राज्यों में पंजाब, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, मिजोरम, केरल, छत्तीसगढ़, राजस्थान, झारखंड, मेघालय शामिल हैं।
क्या है राज्यों में केंद्रीय एजेंसियों के लिए नियम
दिल्ली स्पेशल पुलिस एस्टैब्लिशमेंट एक्ट, 1946 के तहत ही सीबीआई का निर्माण यानी गठन हुआ था। ऐसे में कानून की धारा 6 के तहत अगर किसी भी राज्य में सीबीआई जांच करना चाहती है तो उसे वहां की राज्य सरकार से इजाजत लेनी होती है। वैसे तो लगभग सभी राज्य सरकार द्वारा सीबीआई को ‘सामान्य सहमति’ मिली हुई है। ‘सामान्य सहमति’ मिली होने पर सीबीआई को राज्य में किसी भी मामले की जांच के लिए सरकार से इजाजत नहीं लेनी पड़ती। वो जब चाहे किसी भी मामले को लेकर कार्यवाही कर सकती है। हालांकि अगर कोई सरकार ‘सामान्य सहमति’ पर रोक लगा दे तो फिर जांच एजेंसियों को कार्यवाही से पहले राज्य सरकार से इजाजत लेनी पड़ती है। यहां आपको ये भी बता दें कि अगर कोई राज्य सरकार ‘सामान्य सहमति’ पर रोक लगा दे तो फिर जांच एजेंसियों उस राज्य के किसी भी व्यक्ति या कर्मचारी के खिलाफ मामला नहीं दर्ज कर सकती।
सीबीआई के पास है ये खास अधिकार
इन सब के अलावा सीबीआई जो कि केंद्र सरकार के अधीन है वो तभी किसी मामले की जांच कर पाती है जब उसे या तो हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट या केंद्र से आदेश मिले। ऐसे में अगर CBI को किसी मामले में हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट या केंद्र से जांच का आदेश मिलता है तो वो बिना राज्य सरकार की अनुमति के ही जांच कर सकती है।