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Bihar: चाचा भतीजे को झटका, महागठबंधन सरकार का एक और विकेट गिरा, अब कृषि मंत्री ने सौंपा इस्तीफा

नई दिल्ली। सीएम नीतीश कुमार का एक और विकेट गिर गया है। कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह के बाद अब कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना त्यागपत्र डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को सौंप दिया है। हालांकि, अभी तक उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है। राजद अध्यक्ष जगदानंद ने खुद इस बात की पुष्टि की है। अब ऐसे में यह देखना होगा कि उनका इस्तीफा स्वीकार किया जाता है की नहीं? अभी तक सुधाकर के इस्तीफे को लेकर नीतीश की ओर से भी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

खुद को बताया था ‘चोरों का सरदार’

बता दें कि बीते दिनों सुधाकर अपने बयान को लेकर खासा चर्चा में आ गए थे। जिसमें उन्होंने खुद अपने विभाग में कथित भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया था। उन्होंने खुद ही अपने विभाग में कार्यरत सभी अधिकारियों को भ्रष्टाचारी तक बताया था और खुद चोरों का सरदार करार दिया था। उनके इस बयान के बाद बिहार की राजनीति में भूचाल आ गया था। इतना ही नहीं, उन्होंने तक यहां तक कहने से भी गुरेज नहीं किया था कि वे एकलौते नहीं हैं, बल्कि उनके ऊपर और भी कई सरदार हैं। उन्होंने बिहार सरकार की कार्यशैली को संदेहास्पद भी बताया था। उन्होंने कहा था कि यह वही पुरानी सरकार है, इनके चरित्र में किसी भी प्रकार का परिवर्तन नहीं आया है।

ऐसा रहा राजनीतिक सफर

वहीं, सुधाकर के राजनीतिक सफर की बात करें, तो वर्तमान में वे रामगढ़ से विधायक हैं। साल 2010 में वे भाजपा की टिकट पर पहली बार चुनावी मैदान में उतरे थे। सुधाकर कृषि पृष्ठभूमि रही है। जिसे ध्यान में रखते हुए जब वे सरकार में आए तो उन्हें कृषि मंत्री का पदभार सौंपा गया था। वहीं, अगर उनके शैक्षणिक योग्यता की बात करें तो वो स्नातक धारी हैं।

लग चुके भ्रष्टाचार के आरोप भी

ध्यान रहे कि उनके ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप भी लग चुके हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उनके ऊपर साल 2013-14 में भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने शासन के निर्देश के बाद भी गोदाम में चावल जमा नहीं करवाया था, जिसे उन्होंने कथित रूप से गबन कर लिया था। हालांकि, अभी यह मामला कोर्ट में लंबित है। अब आगामी दिनों में इस पूरे प्रकरण में क्या कुछ सच्चाई निकलकर सामने आती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

आया था बिहार में सियासी तूफान

मालूम हो कि बीते दिनों बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने बीजेपी को गच्चा देने के बाद राजद संग हाथ मिला लिया था। दरअसल, उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाया था कि विधानसभा चुनाव के दौरान से ही भाजपा उनकी पार्टी को तोड़ने की कोशिश कर रही है, जिसे ध्यान में रखते हुए उन्होंने राजद संग हाथ मिला लिया था, लेकिन वर्तमान में बिहार सरकार में जिस तरह की स्थिति देखने को मिल रही है, उसे देखकर ऐसा लगता नहीं है कि यह सरकार अब ज्यादा दिनों तक चल पाएगी। अब ऐसी स्थिति में आगामी दिनों में बिहार में उठा सियासी बवंडर क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

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