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Uddhav Vs Eknath: शिवसेना का नाम और चुनाव चिन्ह के बाद अब उद्धव ठाकरे से चुनावी मुद्दे छीन रहा शिंदे गुट, ये प्रस्ताव किए पास

eknath shinde and uddhav thakrey

मुंबई। शिवसेना का नाम और तीर-कमान का चुनाव चिन्ह उद्धव ठाकरे से छीनने के बाद एकनाथ शिंदे का गुट अब उद्धव ठाकरे के लिए चुनावी मुद्दों की भी कमी करने की तैयारी करता दिख रहा है। एकनाथ शिंदे को शिवसेना का अध्यक्ष चुन लिया गया है। पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की मंगलवार को हुई बैठक में शिंदे की अध्यक्षता में तमाम ऐसे मसलों पर प्रस्ताव पास किए गए, जो अब तक उद्धव ठाकरे उठाते रहे हैं। ऐसे में अब उद्धव के सामने दो ही रास्ते हैं। या तो शिंदे के नेतृत्व में लिए गए प्रस्तावों का समर्थन कर उनका पिछलग्गू बनें, या अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए अपने अलग मुद्दों की तलाश करें।

एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना की कार्यकारिणी ने जो प्रस्ताव पास किए हैं, उनमें सबसे पहला प्रस्ताव स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वीर सावरकर को भारत रत्न देने का है। ये मुद्दा उद्धव ठाकरे का रहा है। इसके अलावा शिवसेना की कार्यकारिणी में महाराष्ट्र में सभी नौकरियों में 80 फीसदी स्थानीय युवाओं को रोजगार देने, मराठी को कुलीन भाषा का दर्जा देने, यूपीएससी और एमपीएससी परीक्षा में मराठी छात्रों को मजबूत करने जैसे प्रस्तावों को भी मंजूरी दी गई है। अब इन मुद्दों पर एकनाथ शिंदे गुट को सहयोगी बीजेपी का साथ मिलने के भी पूरे आसार हैं। शिंदे गुट के कई प्रस्तावों को मानकर लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी उद्धव ठाकरे को और तगड़े झटके दे सकती है।

बीते दिनों केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पुणे में एक कार्यक्रम में कहा था कि धोखेबाजी करने वालों को सजा जरूर देनी चाहिए। उन्होंने उद्धव ठाकरे से शिवसेना का नाम और चुनाव चिन्ह छिन जाने पर ये प्रतिक्रिया दी थी। बता दें कि पिछले साल जून में एकनाथ शिंदे 39 विधायकों के साथ उद्धव से अलग हो गए थे। जिसके बाद बीजेपी के सहयोगी से उन्होंने महाराष्ट्र में सरकार बना ली थी।

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