रायपुर। राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकारें हैं। दोनों ही राज्यों में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन राजस्थान और छत्तीसगढ़ लगातार कांग्रेस आलाकमान की टेंशन बढ़ा रहे हैं। राजस्थान में सचिन पायलट ने सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ अपनी आवाज और बुलंद कर दी है। वहीं, छत्तीसगढ़ में भी सीएम भूपेश बघेल के खिलाफ कांग्रेस में माहौल बनता दिख रहा है। बघेल के खिलाफ बन रहे इसी माहौल के संकेत मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और बघेल विरोधी माने जाने वाले मोहन मरकाम और वरिष्ठ मंत्री टीएस सिंहदेव के बयानों से मिले। मोहन मरकाम ने अंबिकापुर में कहा कि राज्य में अगले सीएम का चेहरा कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व तय करेगा। मरकाम ने कहा कि टीएस सिंहदेव समेत सभी मंत्री काम कर रहे हैं। कोई भी सीएम का चेहरा हो सकता है।
वहीं, टीएस सिंहदेव ने भी इशारों में भूपेश बघेल पर एक बार फिर निशाना साध दिया। उन्होंने मीडिया से कहा कि पहली बार चुनाव जीतना आसान होता है, लेकिन दूसरी बार चुनाव मैदान में उतरने पर मौजूदा सरकार की उपलब्धियां जनता को बतानी होती हैं। दूसरी बार के चुनाव में हालात बदल जाते हैं। बता दें कि टीएस सिंहदेव भी छत्तीसगढ़ के सीएम पद के दावेदार रहे हैं। दावा किया जाता है कि सिंहदेव और बघेल के बीच सीएम की कुर्सी को ढाई-ढाई साल बांटने का फॉर्मूला भी कांग्रेस नेतृत्व ने तय किया था, लेकिन ऐसा न होने से सिंहदेव नाराज हैं।
छत्तीसगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष मोहन मरकाम और मंत्री सिंहदेव के बयान इस मायने में खास हैं, क्योंकि आज कांग्रेस महासचिव और छत्तीसगढ़ की प्रभारी कुमारी सैलजा को सीएम बघेल और मंत्रियों के साथ बैठक करनी है। इस बैठक में विधानसभा चुनाव की रणनीति पर मंथन होगा। छत्तीसगढ़ में विधानसभा की 90 सीटें हैं। पिछली बार कांग्रेस 71 सीटें जीती थी। 2018 में कांग्रेस ने भूपेश बघेल, टीएस सिंहदेव, सांसद ताम्रध्वज साहू और डॉ. चरणदास महंत के चेहरे आगे रखकर चुनाव लड़ा था।