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UP: चाचा शिवपाल और शरद पवार के बाद अखिलेश पर अब RLD को धोखा देने का आरोप, ये है वजह

मुजफ्फरनगर जिले की 6 विधानसभा सीटों में से 1 सीट पर सपा ने अपना उम्मीदवार उतारा है और 5 सीटें आरएलडी को दी हैं, लेकिन हकीकत ये है कि आरएलडी के सिंबल पर सपा के ही पांचों प्रत्याशी यहां चुनाव लड़ेंगे। मेरठ में भी यही हाल आरएलडी के साथ हुआ है।

akhilesh yadav jayant chaudhary

मेरठ। चाचा शिवपाल सिंह यादव को 1 सीट और एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार के एलान के बाद भी उनकी पार्टी को सीट ने देने के बाद अब यूपी का विधानसभा चुनाव साथ लड़ने के नाम पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर आरएलडी यानी राष्ट्रीय लोकदल के चीफ जयंत चौधरी को भी धोखा देने का आरोप लग रहा है। वजह है पश्चिमी यूपी की सीटें। दरअसल, सपा के तमाम नेता आरएलडी के सिंबल पर मैदान में उतारे गए हैं। इससे जयंत चौधरी की पार्टी के नेता खफा हैं कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उन्हें झांसा दिया है। आरएलडी में इससे नाराजगी बढ़ रही है और एक नेता ने तो इस्तीफा तक दे दिया है। अखिलेश पर आरएलडी नेता झांसा देने का आरोप क्यों लगा रहे हैं ? इस सवाल का जवाब है 29 लोगों की लिस्ट। इस लिस्ट के मुताबिक 19 सीटें आरएलडी और 10 सपा को दी गई हैं, लेकिन इसमें पेच है।

अब इस पेच को भी देख लेते हैं। लिस्ट के मुताबिक मुजफ्फरनगर जिले की 6 विधानसभा सीटों में से 1 सीट पर सपा ने अपना उम्मीदवार उतारा है और 5 सीटें आरएलडी को दी हैं, लेकिन हकीकत ये है कि आरएलडी के सिंबल पर सपा के ही पांचों प्रत्याशी यहां चुनाव लड़ेंगे। वहीं, मेरठ को देखें, तो यहां की कुल 7 सीटों को आरएलडी को देने का एलान अखिलेश यादव ने किया है, लेकिन इनमें से सिर्फ 1 सीट पर आरएलडी का उम्मीदवार होगा। जबकि, 6 सीटों पर सपा के नेता आरएलडी के सिंबल पर चुनाव लड़ेंगे। आरएलडी नेता कह रहे हैं कि सपा इससे जाटों और मुसलमानों का वोट लेने की कोशिश कर रही है और आरएलडी को नुकसान हो रहा है।

सपा से मिले इस धोखे की गूंज आरएलडी में है। सूत्रों के मुताबिक पार्टी के तमाम नेताओं ने जयंत चौधरी से कहा है कि वो सपा के साथ गठबंधन तोड़ दें। मामला इतना गरमा गया है कि जयंत चौधरी के लिए इसे संभालना फिलहाल मुश्किल दिख रहा है। सपा मुखिया अखिलेश यादव के इस कदम से नाराज होकर युवा आरएलडी के राष्ट्रीय महासचिव राहुल देव ने इस्तीफा तक दे दिया है। राहुल ने अपने इस्तीफे में कहा है कि जो फैसला जयंत चौधरी ने लिया है, उससे वो आहत हैं। सूत्रों के मुताबिक अगर जयंत सपा से गठजोड़ नहीं तोड़ते, तो आने वाले दिनों में आरएलडी से और भी नेताओं के इस्तीफे हो सकते हैं।

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