नई दिल्ली। सीपीएम के महासचिव और दिग्गज नेता सीताराम येचुरी का निधन हो गया है, जिससे भारतीय वामपंथी राजनीति में एक बड़ा खालीपन उत्पन्न हो गया है। येचुरी की मृत्यु के बाद पार्टी को उनके उत्तराधिकारी की तलाश में बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। केरल से लेकर दिल्ली तक येचुरी का राजनीतिक प्रभाव था और राष्ट्रीय राजनीति में वामपंथी दलों की प्रासंगिकता को बनाए रखने में उनकी अहम भूमिका रही थी। सूत्रों के अनुसार, पार्टी अगले एक सप्ताह के भीतर नए महासचिव के नाम पर फैसला ले सकती है। उल्लेखनीय है कि येचुरी का कार्यकाल अगले साल अप्रैल में समाप्त होने वाला था, जिसके बाद नया नेता चुना जाना था। लेकिन अब येचुरी के निधन के कारण यह प्रक्रिया जल्द शुरू करनी होगी।
संभावित उत्तराधिकारी कौन?
वर्तमान में जिन नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं, उनमें केरल से एमए बेबी और ए. विजयराघवन प्रमुख हैं। वहीं, पोलित ब्यूरो के 17 सदस्यों में वृंदा करात, प्रकाश करात और माणिक सरकार जैसे वरिष्ठ नेता भी शामिल हैं, लेकिन उनकी उम्र 75 वर्ष से अधिक हो चुकी है। सीपीएम में यह नियम है कि 75 वर्ष से अधिक आयु के नेताओं को संगठन की प्रमुख जिम्मेदारी नहीं दी जाती। पोलित ब्यूरो के अन्य सदस्यों में बंगाल के तपन सेन, आंध्र प्रदेश के बीवी राघवलु और केरल के एमए बेबी जैसे नेता शामिल हैं, जिनकी उम्र 75 वर्ष से कम है। ऐसे में एमए बेबी को सीपीएम के नए महासचिव के रूप में देखा जा रहा है। केरल लॉबी पार्टी में पहले से ही मजबूत है, क्योंकि राज्य में पार्टी की सरकार है, जबकि बंगाल और त्रिपुरा में वामपंथी दलों की पकड़ कमजोर हो चुकी है।
एमए बेबी: संभावित नया चेहरा
एमए बेबी दशकों से सीपीएम में सक्रिय हैं और 40 साल पहले वह छात्र संगठन एसएफआई के ऑल इंडिया प्रेसिडेंट रह चुके हैं। उनके इस्तीफा देने के बाद ही सीताराम येचुरी को पार्टी में महत्वपूर्ण भूमिका मिली थी। अब येचुरी के निधन के बाद पार्टी में यह उम्मीद जताई जा रही है कि एमए बेबी उनकी जगह महासचिव के पद को संभाल सकते हैं। पोलित ब्यूरो में केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन, एमवी गोविंदन और ए. विजयराघवन जैसे नेता भी शामिल हैं, जिनका पार्टी में अच्छा खासा प्रभाव है। पूरे अनुमान लगाए जा रहे हैं कि सीपीएम का अगला महासचिव केरल लॉबी से ही हो सकता है, जो वर्तमान में पार्टी की सत्ता का केंद्र है।