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BBC: आयकर विभाग ने कसा शिकंजा, तो बीबीसी ने उगले सारे राज़, मान ली अपनी सारी गलती, कहा- अब हम…!

नई दिल्ली। गुजरात दंगे पर आधारित ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ नामक डॉक्यूमेंट्री बनाकर सुर्खियों में आने वाले बीबीसी के खिलाफ बीते दिनों आयकर विभाग ने शिकंजा कसा था। आयकर विभाग ने दिल्ली स्थित बीबीसी के दफ्तर पर छापा मारा था और यह आरोप भी लगाया था कि कंपनी की तरफ से टेक्स की अदायगी कम की गई है, जिसे अब खुद बीबीसी ने भी मान लिया है। बीबीसी ने बाकायदा इस संदर्भ में बयान जारी कर कहा कि उसकी तरफ टैक्स की कम अदायगी की गई थी। ध्यान दें कि इससे पहले जब आयकर विभाग ने बीबीसी के दफ्तर में छापा मारा था,  तो यह आरोप लगे थे कि आयकर विभाग मीडिया को दबाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन अब बीबीसी ने खुद मान लिया है कि उसने 2016 से लेकर 2022 तक टैक्स चोरी की है। लेकिन, अब आयकर विभाग द्वारा नकेल कसने के बाद बीबीसी बाकायदा टैक्स भरने के लिए तैयार है। वहीं, बीबीसी ने आयकर विभाग को इस संदर्भ में लेटर ऑफ इंटेट भी दे दिया है।

हालांकि, बीबीसी खुद के बचाव में यह भी कह रहा है कि हमने गलती से यह टैक्स नहीं भरा था। सूत्रों के मुताबिक, बीबीसी पर 40 करोड़ रुपए टैक्स बकाया है, जिसे लेकर आयकर विभाग की कार्रवाई के बाद वह भरने के लिए तैयार हो चुका है। ध्यान दें कि यह कंपनी का खुद का असेसमेंट है। अभी तक आयकर विभाग की तरफ से इस संदर्भ में कोई असेसमेंट नहीं किया गया है और ना ही कंपनी को इस बारे में कोई कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

इतना ही नहीं, जांच में यह भी निकलकर सामने आया है कि गत दो सालों तक बीबीसी की तरफ से कोई टैक्स फाइलिंग नहीं की गई थी। उस रकम को भी उसमें शामिल किया गया है। इस कार्रवाई को आयकर विभाग की बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है।

बता दें कि आयकर विभाग की कार्रवाई के बाद बीबीसी यह बताने की कोशिश कर रहा था कि डॉक्यूमेंट्री बनाने के चलते उन्हें निशाने पर लिया जा रहा है, लेकिन अब जिस तरह से बीबीसी ने खुद अपनी गलती स्वीकार कर ली है, उसे देखते हुए माना जा रहा है कि बीबीसी बैकफुट पर आ चुकी है। वहीं, अब बीबीसी टैक्स भरने की कवायद भी शुरू कर चुकी है, ताकि वो खुद के बचाव में दलीलें पेश कर सकें। वहीं, बीबीसी ने भी लेटर ऑफ इंटेट के जरिए इस बात को स्वीकार कर ली है। अब ऐसे मं यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

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