नई दिल्ली। देवभूमि उत्तराखंड में आज तो लोगों की सांसें ही अटक गई। दरअसल, पिथौरागढ़ में भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिएक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.2 महसूस की गई है। इससे किसी इमारत या किसी बुनियादी ढांचे को किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचा है, लेकिन देवभूमि के बाशिंदों की सांसें जरूर सहम गई। हालांकि, सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीरों और वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कैसे लोग भूकंप की काल्पनिक त्रासदी से बचने के लिए अपने घरों से बाहर निकलते हुए नजर आ रहे हैं।
Earthquake of Magnitude:3.2, Occurred on 23-07-2023, 18:34:39 IST, Lat: 30.58 & Long: 80.18, Depth: 5 Km ,Region: Pithoragarh, Uttarakhand, India for more information Download the BhooKamp App https://t.co/hczVQTKICY pic.twitter.com/93ooS2Y76Z
— National Center for Seismology (@NCS_Earthquake) July 23, 2023
भू-वैज्ञानिकों की मानें तो यह भूकंप 5 किलोमीटर की गहराई पर आया है, जिसके उथला कहा जाता है। हालांकि, राहत की बात यह है कि इस भूकंप की जद में आने के बावजूद भी किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचा है, लेकिन सरकार और प्रशासन अपने स्तर पर सतर्क हो चुकी है। वैसे भी जोशीमठ में दरारों का कहर जारी है। ऐसे में देवभूमि के लिए भूकंप के ये झटके किसी खतरनाक संकेत से कम नहीं हैं।
वहीं, अगर उत्तराखंड में आए भूकंप को इतिहास के आईने से देखें तो यहां सबसे बड़ा भूकंप 1991 में पिथौरागढ़ में आया था। रिएक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.8 मापी गई जिसकी वजह से लोगों को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा था। सैकड़ों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। वहीं, अब पिथौरागढ़ में आए भूकंप के बाद देवभूमि के बाशिंदे सहम गए हैं। अह ऐसे में आगामी दिनों में सरकार की ओर से इस दिशा में क्या कुछ कदम उठाए जाते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।