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Delhi Politics : बिहार के शिक्षा मंत्री के बाद अब AAP विधायक राजेंद्र पाल गौतम के रामचरितमानस पर बिगड़े बोल, रामायण का बहिष्कार करने की उठाई मांग

नई दिल्ली। रामायण की चौपाई अक्सर चर्चाओं में रहती है ‘ढोल, गवार, शुद्र, पशु, नारी, सकल ताड़ना के अधिकारी… इसको लेकर भारत में लोग तरह-तरह से मतलब निकालते हैं लेकिन हिंदूवादी लोग इसके बचाव में सकारात्मक तर्क देते हैं। इसका मतलब चाहे जो भी हो लेकिन बीते कई दिनों से चर्चा के केंद्र में रहे धार्मिक ग्रंथ रामचरित मानस से जुड़ा फिर से एक विवाद सामने आ गया है। दिल्ली सरकार में पूर्व मंत्री राजेंद्र गौतम ने नाम तो नहीं लिया, लेकिन इसकी चौपाई को कहते हुए ग्रंथ पर विवादित टिप्पणी की है। उन्होंने ग्रंथ में लिखे एक दोहे को बतौर उदाहरण पेश किया और कहा कि इसे ग्रंथ से बिना देरी किए हटाए जाने की सख्त जरूरत है।

जानकारी के लिए आपको बता दें कि अपनी तमाम बातों के दौरान उन्होंने इसका बहिष्कार करने को भी कहा। इस दौरान उन्होंने IP कॉलेज में छेड़छाड़ का भी मुद्दा उठाया और एलजी के लिए कहा कि उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। बता दें कि इससे पहले बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर रामचरित मानस पर विवादित बयान भी दे चुके हैं। आपको बता दें कि दिल्ली सरकार में पूर्व मंत्री रहे राजेंद्र पाल गौतम ने दिल्ली विधानसभा में महिला सुरक्षा के मुद्दे पर चर्चा के दौरान कहा कि “किस ग्रंथ को भारत के अंदर कुछ लोग पूछते हैं। जो पिछले दिनों काफी चर्चा में रहा और उस पर शोर शराबा भी हुआ है। वह ग्रंथ कहता है “ढोल गंवार सूद्र पशु नारी, सकल ताड़ना के अधिकारी” ऐसे ग्रंथ की पूजा करना, जो ढोल गंवार सूद्र पशु और नारी को एक श्रेणी में रखकर मारने पीटने का समर्थन करता नजर आता है।

गौरतलब है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी के नेता ने ग्रंथ का बहिष्कार किए जाने की डिमांड रखी। उन्होंने इस पूरे मुद्दे पर अपनी बात रखते हुए कहा कि ‘मुझे लगता है कि ऐसे किसी भी धर्म के ग्रंथ में जिसमें महिलाओं की बात कही गई है, इंसान को इंसान न मानने की बात कही गई है, ऐसे सभी ग्रंथों का हमें बहिष्कार करना चाहिए। ऐसी बातों को ग्रन्थ से सरकार अविलंब डिलीट करें, क्योंकि महिला उत्पीड़न इससे जुड़ा हुआ है। उन्हीं ग्रंथों में महिलाओं के कैरेक्टर बारे में बुरी बातें लिखी हुई हैं। इसे हमारा समाज भी वैसा ही बनता जा रहा है।

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