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Rajya Sabha: सरकार के बाद राज्यसभा के मार्शलों के भी विपक्षी सांसदों पर गंभीर आरोप, महिला मार्शल को घसीटा, पुरुष मार्शल पर जानलेवा हमला

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नई दिल्ली। बुधवार को राज्यसभा (Rajya Sabha) में हंगामे के मामले में अब सदन के मार्शलों ने विपक्ष के सांसदों पर गंभीर आरोप लगाते हुए अपनी रिपोर्ट दी है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि महिला मार्शल को सांसदों ने घसीटा। जबकि, पुरुष मार्शल पर जानलेवा हमला किया गया। इससे पहले राहुल गांधी, एनसीपी के शरद पवार और शिवसेना के संजय राउत समेत तमाम विपक्ष ने आरोप लगाया था कि बाहरी लोगों को मार्शल की ड्रेस पहनाकर राज्यसभा में लाया गया और उन्होंने सांसदों को पीटा। विपक्ष के इस आरोप की कलई उस वक्त खुल गई, जब सदन का सीसीटीवी फुटेज सामने आ गया। जिसमें विपक्षी सांसद ही मार्शलों से बदसलूकी करते दिख रहे थे। इसके बाद सरकार की ओर से 8 मंत्रियों ने विपक्ष के आरोपों की पोल पट्टी खोल कर मीडिया के सामने रख दी। मंत्रियों ने बताया कि कैसे किसान, आर्थिक हालात और कोरोना पर चर्चा के लिए मानने के बावजूद विपक्ष ने सदन नहीं चलने दिया।

पहले बात करते हैं मार्शलों के आरोप की। सुरक्षा सहायक अक्षिता भट्ट और राकेश नेगी ने संसद सुरक्षा सेवा के निदेशक को रिपोर्ट में कहा है कि सांसदों ने उनसे बदसलूकी की। अक्षिता के मुताबिक कांग्रेस की सांसद फूलो देवी नेताम और छाया वर्मा ने उनका हाथ पकड़कर घसीटा, ताकि पुरुष सांसद सुरक्षा घेरे को तोड़ सकें। अक्षिता के मुताबिक विपक्ष के कुछ पुरुष सांसद उनकी तरफ दौड़े और सुरक्षा घेरे को तोड़ने की कोशिश की। रोकने पर छाया और फूलो देवी किनारे हट गईं और अपने पुरुष साथियों को टेबल तक पहुंचने का रास्ता बनाया।

वहीं, मार्शल राकेश नेगी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि 11 अगस्त को राज्यसभा में उन्हें मार्शल की ड्यूटी में रखा गया था। हंगामे के दौरान सीपीएम सांसद एलामारन करीम ने राकेश की गर्दन को पकड़ लिया और सुरक्षा घेरे से बाहर खींचने की कोशिश करने लगे। राकेश के मुताबिक करीम के घसीटने से उनका दम घुटने लगा था। उन्होंने बताया है कि करीम और अनिल देसाई ने मार्शलों के घेरे को तोड़ने की कोशिश की।

बहरहाल, सीसीटीवी फुटेज और अब मार्शलों की रिपोर्ट से विपक्ष के आरोपों का गुब्बारा पिचककर रह गया है। सरकार अब राज्यसभा के सभापति से आग्रह कर रही है कि वह विपक्ष के हंगामा करने वाले सांसदों पर कार्रवाई करें। ऐसे में आसार यही हैं कि झूठ बोलकर फंसा विपक्ष अब अपने साथियों को बचाने के लिए कोई नई तिकड़म भिड़ा सकता है।

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