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AIMPLB Against Bulldozer: उपद्रवियों-बदमाशों के घरों पर बुलडोजर चले तो मुस्लिम बोर्ड को हुआ दर्द! संगठन के महासचिव बोले- इजरायल जैसा…

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नई दिल्ली। यूपी और कई राज्यों में दंगाइयों और बदमाशों के अवैध घरों पर बुलडोजर चलने से ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड AIMPLB काफी परेशान लगता है। ये बात हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि बोर्ड ने आरोप लगाया है कि कुछ राज्यों की सरकारें इजरायल जैसी नीतियों के तहत बात-बेबात मुस्लिमों और दलितों के मकानों पर बुलडोजर चलवा रही हैं। बोर्ड के महासचिव मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने शनिवार को बयान जारी कर कहा कि बुलडोजर संस्कृति को बढ़ावा मिल रहा है। ये आपत्तिजनक और शर्मनाक है। रहमानी ने आरोप लगाया कि लोकतांत्रिक छवि वाले भारत में हर नागरिक को प्रदर्शन और अभिव्यक्ति की आजादी है, लेकिन सरकार का रुख तानाशाही होता जा रहा है। उनका कहना है कि कई शहरों में मुसलमानों और दलितों के घर छोटे आरोपों पर भी ढहा दिए गए। जबकि, एक घर बनाने में लोगों की जिंदगी निकल जाती है।

रहमानी के बयान में है कि घरों में माता-पिता, बच्चे और बहनें-भाई रहते हैं। अगर घर का कोई गलत काम या पथराव में हिस्सा लेता है, तो सरकार क्या उसके पूरे परिवार को सजा दे सकती है? उन्होंने कहा कि बुजुर्गों और बच्चों को भी निर्दोष होते हुए सजा का सामना करना पड़ता है। एआईएमपीएलबी के महासचिव ने कहा कि मकानों को ढहाने के लिए सरकारें जो दावे करती हैं, उनपर भी विचार जरूरी है। अगर घर बनते वक्त अवैध था, तो सरकारों को इसका निर्माण रोकना चाहिए था। पुलिस कहती है कि वे पथराव में शामिल थे। क्या कानून ऐसे काम करता है? इस तरह की गलती में एक को सजा मिलती है और ये दूसरे के न्याय की खुली हत्या नहीं है?

दरअसल, यूपी, मध्यप्रदेश और उत्तराखंड के अलावा कर्नाटक में भी उपद्रवियों और समाज विरोधी तत्वों के घरों पर राज्य सरकारों ने बुलडोजर चलवाए हैं। ये मामला सुप्रीम कोर्ट भी गया था। जहां सरकारों ने बताया कि उन्हीं मकानों को ध्वस्त किया गया है, जो अवैध थे। इस पर ही अब मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव रहमानी का बयान आया है।

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