नई दिल्ली। देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की हवा (Delhi Air pollution) लगातार खराब होती जा रही है। वायु की गुणवत्ता में भी लगातार गिरावट जारी है। सर्दियों के साथ ही दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की समस्या बढ़ने लगी है। आस-पास के राज्यों में पराली जलाने से दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) की हवा लगातार प्रदूषित हो रही है। इतना ही नहीं जहरीली धुंध से विजिबिलिटी काफी कम हो गई है।
राजधानी में वायु की गुणवत्ता शुक्रवार को ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज की गई। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार शुक्रवार सुबह आनंद विहार में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 422, आरकेपुरम में 407, द्वारका में 421, सेक्टर 8 और बवाना में 430, सभी ‘गंभीर श्रेणी’ में दर्ज किया गया। बता दें कि 0 और 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बेहद खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है।
Delhi: Air Quality continues to deteriorate in the national capital
Air Quality Index is at 422 in Anand Vihar, 407 in RK Puram, 421 in Dwarka, Sector 8 and 430 in Bawana, all in ‘Severe category’, as per Central Pollution Control Board (CPCB). pic.twitter.com/AN0yslRPxP
— ANI (@ANI) November 6, 2020
इससे पहले बृहस्पतिवार को दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण गंभीर स्तर पर पहुंच गया। दिल्ली-एनसीआर में पहली बार कई जगहों/शहरों का एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 से ऊपर यानी गंभीर श्रेणी में आ गया। इतना ही नहीं, पीएम 2.5 और पीएम 10 की मात्रा में भी खासा इजाफा देखने को मिला।
आपको बता दें कि दिल्ली-एनसीआर में कई लोगों ने करवाचौथ त्यौहार पर पटाखे फोड़े जाने को भी इसके लिए जिम्मेदार माना जा रहा है। सर गंगा राम अस्पताल के एक डॉक्टर ने बताया कि प्रदूषित हवा में सांस के रूप में 22 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर का शरीर में जाना एक सिगरेट पीने के बराबर है। राजीव गांधी सुपर स्पेशियेलियी अस्पताल के कोविड-19 नोडल अधिकारी अजीत जैन ने बताया कि वायु प्रदूषण महामारी को और खतरनाक बना रहा है।